विनेश और साक्षी ने एशियाई चैंपियनशिप में जीते कांस्य

 


 



 


एशियाई खेलों में सोने का तमगा जीतने वाली विनेश फोगाट और रियो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने शुक्रवार को चीन के जियान में जारी एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। 50 किलोग्राम भारवर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले विनेश ने अपने भारवर्ग में बदलाव किया था और वह 53 किलोग्राम भारवर्ग में इस चैम्पियनशिप में उतरी थीं। 
उन्हें क्वार्टर फाइनल में जापान की मायु मुकाइदा ने 10-0 से हरा दिया था लेकिन विनेश को रेपचेज राउंड खेलने का मौका मिला। इस मौके को भारतीय खिलाड़ी ने जाने नहीं दिया और चीनी ताइपे की जो जिह को 6-0 से परास्त किया। कांस्य पदक के मुकाबले में चीन की किआनयू पांग को साक्षी ने 8-1 से मात दी।
विनेश से भारत को स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन उन्हें इस बार कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विनेश ने कांस्य पदक मुकाबले में चीन की कियानयू पांग को 8-1 से पराजित किया। विनेश को क्वार्टर फाइनल में जापान की मायू मूकीआदा से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन रेपचेज में उन्होंने ताइपे की जो सीह चियू को 6-0 से हराकर कांस्य पदक मुकाबले में प्रवेश पाया था।
62 किग्रा में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी को क्वार्टर फाइनल में जापान की यूकाको कवई ने 5-0 से हराया। लेकिन भारतीय पहलवान ने रेपचेज में कोरिया की जियाई चोई को 11-0 से हराकर कांस्य पदक मुकाबले में प्रवेश पाया जहां उन्होंने उत्तर कोरिया की हियोन गियोंग मुन को पराजित कर कांस्य पदक जीता।
पिछली चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली नवजोत कौर को इस बार 65 किग्रा में निराशा हाथ लगी। नवजोत क्वार्टरफाइनल मेें हार गई और फिर कांस्य पदक मुकाबले में उन्हें कजाखिस्तान की आइना तेमेरतासोवा ने पराजित कर दिया।
भारत को पूजा ढांडा से भी पदक की खासी उम्मीदें थीं, जिन्होंने पिछले एक वर्ष में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। पूजा ने अपने क्वालिफिकेशन और क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीते लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें चीन की निंगनिंग रोंग ने 8-4 से पराजित कर दिया। कांस्य पदक के लिए पूजा को मंगलोलिया की पहलवान सेरेनचिम्ड सुखी ने हरा दिया।
भारत की किरण बिश्नोई को 72 किग्रा में क्वार्टर फाइनल में कजाखिस्तान की झमीला बाकबेरगेनोवा से 4-7 से हार का सामना करना पड़ा। झमीला के सेमीफाइनल में हारने से किरण की फिर कांस्य पदक मुकाबले में जाने की उम्मीदें टूट गईं।