रिपोर्ट : अजीत कुमार
केन्द्रीय स्वास्थ्य और पर्यावरण कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि मंत्रालय के रणनीतिक हस्तक्षेपों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, क्योंकि मृत्युदर में तेजी से कमी आई है। डॉ. हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बिहार के एईएस मामलों की वर्तमान स्थिति की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। पिछले 48 घंटों के दौरान एक्यूट इनसेफेलोपैथी सिंड्रोम (एईएस) से पीडि़त केवल 5 बच्चों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एसकेएमसीएच में 24 घंटे सेवा प्रदान करने वाली एक परीक्षण सुविधा की स्थापना की गई है, जो बच्चों में इलेक्ट्रोलाइट, लेक्टेट, रक्त आदि के स्तरों की निगरानी करेगा। इस सुविधा में दिल्ली के केन्द्र सरकार के अस्पतालों के बायोकैमिस्ट और तकनीशियनों को तैनात किया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि परीक्षण सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है। आईसीयू के अन्तर्गत ही पोर्टेबल एक्सरे मशीन से तुरंत रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है। पीआईसीयू में सीएसएफ रिपोर्ट, पोर्टेबल यूएसजी और इको रिपोटों का संचालन हो रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र की 15 सदस्यीय टीम चिकित्सा देखभाल की सुविधा दे रही है। इसमें डॉक्टर और पारा-मेडिकल चिकित्सा कर्मी शामिल हैं। इस टीम का स्थान एक अन्य टीम लेगी जो चिकित्सा सेवा की निरंतरता को बनाए रखेगी। यह टीम एसकेएमसीएच में एईएस मामलों के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करेगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की टीम एक्यूट इनसेफेलोपैथी सिंड्रोम (एईएस) के विभिन्न आयामों पर शोध व अनुसंधान कार्य जारी रखेगी।