उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोगों से स्कूलों को गोद लेने का आह्वान किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने निजी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग संस्थानों और चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े लोगों से अपने-अपने पड़ोस में स्कूलों को गोद लेने और निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर छात्रों को परामर्श देने का आह्वान किया है।


नायडू ने कैंसर, हृदय विकार और मधुमेह सहित गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते प्रकोप का उल्लेख करते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली में बदलाव से एनसीडी बढ़ रहे हैं। उन्होंने इच्छा जताई कि निजी अस्पतालों और अन्य संस्थानों सहित चिकित्सा समूह से जुड़े लोगों, स्कूलों और कॉलेजों से संपर्क करें और जीवनशैली संबंधी बीमारियों के खतरों के बारे में छात्रों में जागरूकता पैदा करें।


उपराष्ट्रपति ने चेन्नई में एमजीएम हेल्थकेयर का उद्घाटन करते हुए शारीरिक निष्क्रियता और अस्वास्थ्यकर आहार संबंधी आदतों से बचने की आवश्यकता पर लोगों, विशेष रूप से युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की तर्ज पर डॉक्टरों, अभिनेताओं और मीडिया हाउसों से पेशेवर सामाजिक जिम्मेदारी अपनाने का आग्रह किया।


नायडू ने एनसीडी के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया। नायडू ने 2017 में जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए, कहा कि भारत में लगभग 61 प्रतिशत मौतों की वजह एनसीडी मानी गई,जिसमें हृदय विकार, कैंसर और मधुमेह शामिल हैं। उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लोगों, विशेषकर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाए।


नायडू ने कहा कि शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में एनसीडी क्लीनिक स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है और निजी क्षेत्र को इस तरह के क्लीनिक स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा वितरण की बेहतर पहुंच के बावजूद, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच प्रदान की गई स्वास्थ्य सेवाओं में भारी असमानता है। उपराष्ट्रपति ने एमजीएम हेल्थकेयर जैसे निजी क्षेत्र और अस्पतालों को इसमें कदम रखने और दूरदराज के स्थानों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुँचाने में सरकार प्रयासों को पूरा करने का आह्वान किया।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है क्योंकि यह 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को व्यापक बीमा कवरेज प्रदान करती है और पूरे भारत में 150,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करना चाहती है।


नायडू ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी रूप से उन्नत प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र प्रदान करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल को अपनाने की अपील की।


इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ सी. विजया भास्कर, मत्स्य पालन मंत्री डी. जयकुमार, एमजीएम हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एम.के. राजगोपालन, एमजीएम हेल्थकेयर के सीईओ डॉ. राहुल मेनन, एमजीएम हेल्थकेयर के निदेशक डॉ. प्रशांत राजगोपालन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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