रिपोर्ट : अजीत कुमार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे अनसुलझे, ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाया है, जिसे कुछ दिन पहले खुद दिल्ली पुलिस ने हत्या मानने से इनकार कर दिया था और एक 8 साल के मासूम की हत्या को महज एक एक्सीडेंट डेथ बता कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। जबकि मासूम का परिवार लगातार पुलिस से बच्चे की हत्या का शक जता रहा था, क्योंकि बच्चे की मौत के बाद भी पीड़ित परिवार से फोन पर लगातार 25 लाख की फिरौती मांगी जा रही थी। ये हैरान करने वाला सनसनीखेज मामला दिल्ली के अमन विहार थाना इलाके का है, जहाँ स्थानीय पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
दरअसल पिछले महीने की 23 तारीख शाम को 8 साल का समर्थ अचानक घर के बाहर से गायब हो गया था जिसके बाद परिजनों ने काफी ढूढने के बाद पुलिस को मामले की सूचना दी, और कार्यवाही नही होते देख कई स्थानीय लोग थाने गए फिर जाकर पुलिस ने 25 तारीख को खोजबीन शुरू की तभी गायब हुए बच्चे का शव घर के पास ही एक नाले से सडी गली हालात में बरामद हुआ। जिसके बाद अगले दिन जब बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा था तब मृतक बच्चे के पिता के पास आई एक फोन कॉल ने न सिर्फ उनके बल्कि पुलिस के भी होंश उड़ा दिए। कॉल करने वाले ने बच्चे के पिता से कहा कि तेरा बच्चा हमारे पास है, जो डेड बॉडी तुम्हारे पास है, वो किसी और की है जिसे हमने तेरे बच्चे के कपड़े पहनाए हैं। और अगर बच्चा चाहिए तो 25 लाख रुपये देने होंगे।
मृतक बच्चे के पिता के अनुसार उनका बेटा समर्थ पढ़ाई में तो अच्छा था ही साथी ही वो सिंगर बनना चाहता था लेकिन अब उसके सपने उसके साथ ही खत्म हो गए। बच्चे के पिता ने बताया कि मासूम के पोस्टमार्टम से लेकर बच्चे के संस्कार, अस्थि विसर्जन, आदि के कई दिन बाद तक परिवार को फिरौती के लिए फोन आते रहे। बच्चे के पिता ने हर बार सारी कॉल रिकॉर्डिंग और फिरौती वाला फोन न. SHO अमन विहार को दिया। लेकिन बावजूद इसके अमन विहार SHO ने इस बाबत न तो कोई अन्य मामला दर्ज किया और न ही कोई अन्य कार्यवाही ही की, जबकि पीड़ित परिवार से लगातार 25 लाख की फिरौती मांगी जा रही थी। स्थानीय पुलिस की इतनी बड़ी लापरवाही और कारवाही न होते देख मासूम को इंसाफ दिलाने के लिए पीड़ित परिवार और आसपास के लोगों ने स्थानीय विधायक के साथ सड़क जमकर पुलिस के खिलाफ प्रोटेस्ट भी किया जहाँ उन्हें पुलिस से उचित कार्यवाही का महज आस्वासन ही मिला।
इतने पर भी स्थानीय पुलिस के इस ढुल मुल रैवये और कोई कार्यवाही न होते देख आरोपी गौतम भी बड़ी ही बेफिक्री से फिरौती के लिए पीड़ित परिवार को पैसे के लिए फोन कर धमकाता रहा। जिसके बाद मृतक बच्चे का परिवार निराश होकर पुलिस से न्याय की उम्मीद ही खो बैठा था। लेकिन हमारे द्वारा इस खबर को प्रमुखता से दिखने के बाद जब इस सनसनी खेज मामले की जानकारी क्राइम ब्रांच के तेज तर्रार इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल को हुई तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसे सुलझाने के लिए अपने आला अधिकारियों की परमिशन के बाद महज एक मोबाइल न. को लेकर अपनी टीम के साथ बड़ी ही गहनता से मामले की तफ्तीश शुरू की।
जांच करते हुए आखिरकार इंस्पेक्टर मुकेश अंतिल और उनकी टीम ने इस अनसुलझे ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाते हुए मृतक मासूम के पड़ोस ने रहने वाले गौतम नाम के एक युवक को धर दबोचा। जिसने पहले तो पुलिस को काफी गुमराह करने की कोशिश कि लेकिन फिर बाद में उसने क्राइम ब्रांच को बताया कि पैसे के लालच में आकर उसने एक सोची समझी साजिश के तहत बच्चे को किडनेप किया और पहचान होने के डर से मासूम को मौत के घाट उतार दिया। साथ ही शव को पास के नाले में फेंक कर बच्चे के पिता से पैसे ऐंठने के लिए उस से लगातर फोन कर 25 लाख की फिरौती मांगता रहा और तो और वो पीड़ित परिवार के साथ उन्हें सांत्वना भी देता रहा, ताकि वो परिवार की हर एक हरकत पर नज़र रख सके और उस पर किसी को कोई शक भी न हो।
पकड़े गए आरोपी युवक गौतम ने खुद बताया कि उसने पैसे के लिए उसे बड़ा भैया बोलने वाले मासूम सार्थक की हत्या कर दी। आरोपी के अनुसार उसने पहले ही दिन बच्चे को ले जाकर नाले में धकेल दिया, और फिर पीड़ित परियर के साथ ही बच्चे को ढूढ़ता रहा। और फिर अलग होते ही बच्चे के पिता को फिरौती के लिए कॉल करता था। हालांकि आरोपी का कहना कि उसने इस पूरी वारदात को अकेले अंजाम दिया है जब कि उसकी कॉल रिकॉर्डिंग में ऐसा लगा रहा है कि 1-2 लोग उसके साथ हैं। और यही बात मृतक बच्चे के परिवार का भी कहना है। बरहाल पुलिस इस एंगल से भी अभी मामले की जांच कर रही है।
इस वारदात से साफ है कि पैसे के लालच में आकर आजकल लोग इंसानियत और रिश्तों की भी कोई परवाह नही करते और ऐसे घिनोने अपराध को अंजाम दे देते हैं। ज़ाहिर है कि बच्चे अब अपने घर और पड़ोस में भी सुरक्षित नही हैं। वहीं भले ही क्राइम ब्रांच ने आरोपी को सलाखों के पीछे पहुँचा दिया हो, लेकिन इस घटना में असली लापरवाही स्थानीय पुलिस और SHO अमन विहार ने बरती है, अगर वहीं क्राइम ब्रांच इस मामले का खुलासा नही करती तो बच्चे के परिवार को शायद ही कभी इंसाफ मिल पाता और न सिर्फ पीड़ित परिवार का बल्कि उसके जैसे कई परिवारों का भरोसा ही पुलिस से उठ जाता।