बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की "नाज़ुक" पहल

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 


 


 


दिल्ली में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए बच्चों को और उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए दिल्ली पुलिस ने इस ओर एक नया कदम उठाया है। इस कदम में दिल्ली पुलिस ने ‘नाजुक’ नाम से एक अभियान की शुरूआत की है, और इस अभियान की शुरूआत दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिले से की गई।

देश की राजधानी दिल्ली जहां चोरी, लूट और हत्या जैसी वारदाते आम होती जा रही है, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराध तो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लेकिन अब और नहीं। जी हाॅ राजधानी दिल्ली में बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर ‘नाजुक’ नाम से एक पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा बच्चों को और उनके अभिभावको को जागरूक करने का काम किया जाएगा। ताकि बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।

दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू की गई ‘नाजुक’ पहल की शुरूआत दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिले से की गई। जिसके बाद इस अभियान को दिल्ली अन्य सभी जिलों में भी शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर एक नाटक के माध्यम से लोगों तक यह संदेश पहुॅचाने का प्रयास किया गया, कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति की बात पर ना आए जिन्हें वे नहीं जानते, और यदि कोई भी अन्जान व्यक्ति उनके साथ कुछ भी गलत व्यवहार करने का प्रयास करता है, तो वे बेहिचक अपने माता पिता को बताएं और जरूरत पडने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन पर इसकी शिकायत करे।

आपको बता दें कि ‘नाजुक’ के पीछे का उद्देश्य बाल यौन शोषण के बारे में जागरूकता पैदा करना है, विशेष रूप से छोटे आयु वर्ग के बच्चों के खिलाफ अपराध। इस पहल के हिस्से के रूप में, बच्चों और उनके अभिभावकों को रोल प्ले, लघु फिल्मों और नाटकीयता की मदद से संभावित खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा। बच्चों के मन में स्पष्टता लाने के लिए बाल मनोविज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञों की सेवाओं का भी सहारा लिया जाएगा।

 


 

 

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा, “बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने और बाल शोषण की घटनाओं को रोकने में मदद करने के लिए एक नई पहल की आवश्यकता महसूस की गई। इसलिए, दिल्ली पुलिस के उत्तर पश्चिम जिले में ‘नाजुक’ लॉन्च किया गया है और यह पहल धीरे-धीरे दिल्ली के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में लागू होगी। पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि ‘नाजुक’ दिल्ली पुलिस के ‘निर्भीक’ कार्यक्रम से अलग है क्योंकि ‘निर्भीक’ में, हम स्कूलों में बच्चों को संबोधित करते हैं जबकि ‘नाजुक’ में, हम अपने आवासीय क्षेत्रों और रहने वाले स्थानों में बच्चों और उनके माता-पिता तक पहुँचते हैं।

एक ओर जहां अपराध के लिहाज दिल्ली सेंसेटिव होती जा रही है, और अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू की गई इस तरह की पहल से बच्चों के खिलाफ होने वाले आपराध पर लगाम लगाने में कारगार साबित हो सकता है। बशर्ते दिल्ली पुलिस की इस मुहिम के साथ दिल्ली के लोगों को भी अपने बच्चों पर खास ध्यान रखना होगा, और उन्हें समय समय पर जागरूक करना होगा। ताकि बच्चे सही और गलत व्यवहार के बीच का फर्क समझ सके और और गलत व्यवहार होने पर वह तुरंत अपने परिजनों को इसकी जानकारी दे। ‘नाजुक’ दिल्ली पुलिस की ओर से बच्चों के व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्थलों को उनके लिए सुरक्षित और सुरक्षित बनाने का एक प्रयास है।