रिपोर्ट : डी.के. भरद्वाज
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने दिल्ली में चौथे वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य सोझेदारी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय विधि और न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद तथा अनेक देशों के स्वास्थ्य मंत्री उपस्थित थे। डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक अंतर-सरकारी सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा वैश्विक स्वास्थ्य डिजिटल साझेदारी (जीडीएचपी) के सहयोग से किया जा रहा है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में नेपाल के उप-प्रधानमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री उपेंद्र यादव, साउदी अरब सम्राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तोफिक अल राबिया, बांग्लादेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जहीद मलिक, स्वीडेन की स्वास्थ्य मंत्री लेना हैलेनग्रेन, केप वर्डे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अर्लिंदो नेसिमिंटो डो रोजेरियो, यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. उलाना सुप्रम, श्रीलंका के स्वास्थ्य, पोषाहार तथा स्वदेशी उपमंत्री फैजल कासिम, बोत्सवाना के सहायक स्वास्थ्य एवं आरोग्य मंत्री बी.गी. गेंडा बुटाले, मालदीव के स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. शाह माहिर तथा 35 से अधिक देशों के अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय विधि तथा न्याय और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने स्वास्थ्य सेवा परिवर्तन में प्रौद्योगिकी नवाचार पर बल दिया। उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य सेवा में सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों तथा डिजिटल समावेश के माध्यम से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि डिजिटल गर्वनेंस सुशासन है और डिजिटल खाई को पाटने का काम कम लागत की टैक्नोलॉजी से किया जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि भारत तथा विश्व की संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के तरीके में बेहतरी के लिए परिवर्तन हो रहा है। डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम इस परिवर्तन को गति प्रदान कर रहे हैं। नड्डा ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) को समर्थन देने की अपार क्षमता है और इसके लिए भारत सरकार संकल्पबद्ध है।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत समाज के कमजोर और वंचित लोगों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए आयुष्मान भारत नाम से व्यापक स्वास्थ्य देखभाल योजना लांच की गई है। इसके प्राथमिक और द्वितीय स्तर पर स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र (एचडब्ल्यूसी) हैं और उच्च स्तर पर प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत मात्र 155 दिनों में 1.3 मिलियन लोगों ने 16 बिलियन रुपये से अधिक का लाभ उठाया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने स्वीट्जरलैंड के जेनेवा में 71वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डिजिटल स्वास्थ्य पर प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मिति से स्वीकार किया गया।
उद्घाटन सत्र में डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव डॉ. प्रीति सुदन, भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धू, स्वास्थ्य एवं परिवारकल्याण मंत्रालय में अपर सचिव संजीव कुमार तथा ऑस्ट्रेलिया की डिजिटल स्वास्थ्य एजेंसी के मुख्य कार्यकारी टीम केल्सी उपस्थित थे।