केंद्र सरकार ने गरीब, किसान, मजदूर और बेरोजगारों को छलने का काम किया

रिपोर्ट: सुनहरा


 


 


 


समाजवादी युवजन सभा निघासन महासचिव शाहनवाज खान कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का यह अंतरिम बजट बिना आर्थिक सर्वे के पूरी तरह चुनावी स्टंट हैं। या यूं कहें झूठ की टोकरी में जुमलों को सजाने वाला बजट हैं। शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार के लिए जुमलों का सहारा लिया गया।


सवाल यह हैं कि अंतरिम बजट में ताबड़तोड़ घोषणाओ की जरूरत आखिर सरकार इतनी घबराहट में क्यो थी। 2019 के इस अंतरिम आम बजट को चुनावी बजट करार दिया। मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया अंतरिम आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शाहनवाज खान ने कहा है कि यह बजट चुनावी बजट है। अंतरिम बजट में लोक लुभावने वादे कर एक बार फिर से केंद्र सरकार ने गरीब, किसान, मजदूर और बेरोजगारों को छलने का काम किया है।


राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 750 करोड़ और शिक्षा स्वास्थ्य, और युवाओ को रोजगार के लिए खाली हाथ सरकार की मंशा पर की सवाल खड़े करते हैं। रोजगार जैसे गम्भीर मुद्दों पर बुरी तरह फेल रही हैं। मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में ही किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, जो आज एक जुमला साबित हुआ है। किसान आज दयनीय स्थिति में हैं सरकार की यदि नियति साफ थी तो किसानों के कर्ज माफी की घोषणा करके इरादे साफ कर देना चाहिए था। उधोगपतियों का कर्ज माफ करना गरीबो और किसानों का अपमान है। आयकर टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी का प्रस्ताव देकर नई सरकार पर पासा फेंकने का काम किया है।


शाहनवाज ने कहा 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को सलाना 6000 रुपये यानी प्रतिदिन एक परिवार को 17 रुपया देकर किसानों के वोट का सौदा प्रतीत होता है। पिछले पाँच आम बजट में टैक्स स्लैब में कोई बढ़ोतरी नहीं करना और चुनाव सामने देखकर बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार का मध्यम वर्गीय परिवार के प्रति मंशा को दर्शाता है। बेरोजगारी दूर करने और किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से सही मायने में देश मजबूत होता। लेकिन सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है और शिक्षा का निजीकरण करने पर अमादा है।


गरीब के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे। यह सरकार गरीब और किसान विरोधी सरकार है। यह बजट पूर्णतः जुमलों और झूठ का पिटारा हैं लोकसभा चुनाव दृष्टिगत रखते हुए गरीब मजदूर किसान को अच्छे दिन और 15-15 लाख देने के वादों की तरह एक बार फिर लालीपाप मोदी सरकार द्वारा दिखाया गया। किसान इनकी रीति और नीति जान चुका हैं अब बहकावे में नही आने वाले हैं।


यह बजट मौजूदा सरकार का अक्गिरी बजट हैं समाजवादी पार्टी ही तय करेगी अगला प्रधानमंत्री।