रिपोर्ट: अनुज झा
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, शिपिंग और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गंगा नदी की सफाई और संरक्षण से जुड़ी परियोजनाओं की गहन, जिला स्तरीय निगरानी तथा समीक्षा करने का आह्वान किया है। गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड और पश्चिम बंगाल की जिला गंगा समितियों को संबोधित करते हुए कहा कि जितनी प्राथमिकता मुख्य नदी की सफाई को दी जाती है, उतनी ही प्राथमिकता प्रत्येक सहायक नदी एवं धारा के साथ-साथ उन नालों की भी सफाई करने को दी जानी चाहिए, जिनका पानी गंगा नदी में गिरता है। श्री गडकरी ने जिलाधीशों और अन्य पदाधिकारियों से उन समस्त धाराओं, सहायक नदियों और नालों की पहचान करने के लिए व्यापक सर्वेक्षण करने को कहा, जिनका पानी गंगा नदी में गिरता है। इसके साथ ही उन्होंने जिलाधीशों और अन्य पदाधिकारियों से इन स्रोतों के जल शोधन के लिए आवश्यक कदम उठाने को भी कहा।
गडकरी ने नदी संरक्षण में जिला गंगा समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए पदाधिकारियों से अपने-अपने जिलों में सीवरेज से जुड़ी समस्त अवसंरचना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने, समस्याओं का पता लगाने और इसमें सुधार के लिए समयबद्ध कदम उठाने को कहा। श्री गडकरी ने कहा कि इन पदाधिकारियों को इसी तरह सभी वनीकरण परियोजनाओं पर करीबी नजर रखने के साथ-साथ प्रदूषण फैलाने वाले उन उद्योगों की पहचान करनी चाहिए, जहां उत्सर्जन शोधन संयंत्र लगाने की जरूरत है।
गडकरी ने घरों को सीवेज नेटवर्कों से जोड़ने के कार्य में तेजी लाने पर भी विशेष बल दिया, ताकि सीवेज का शोधन संयंत्रों तक पहुंचना संभव हो सके और ये संयंत्र अपनी-अपनी निर्धारित क्षमताओं के अनुसार सही ढंग से संचालित किये जा सकें। उन्होंने जिला गंगा समितियों से संबंधित प्राधिकरणों के साथ समुचित सामंजस्य स्थापित करने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने को कहा।
गडकरी ने गंगा नदी का अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने की जरूरत का उल्लेख करते हुए जिलाधीशों से इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा जारी ई-प्रवाह अधिसूचना का कार्यान्वयन करने को कहा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि जिला गंगा समितियों को अपने-अपने जिलों में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए आम जनता का सहयोग प्राप्त करना चाहिए।
इस वीडियो कांफ्रेंस के आयोजन का उद्देश्य जिला गंगा समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करना, उनके समक्ष मौजूद समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनना और इस दिशा में आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करना था। गंगा के किनारे अवस्थित प्रत्येक जिले में जिला गंगा समिति गठित की गई है जिसे जिला स्तर पर सौंपे गए कार्य पूरे करने, गंगा नदी की स्थानीय जरूरतों एवं उससे जुड़ी समस्याओं को संज्ञान में लेने, नदी के जल की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपायों की परिकल्पना करने और कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव यू.पी. सिंह, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।