फिल्म एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा... बिल्कुल अलग हैं लव स्टोरी

 


 



 


बॉलीवुड में यूं तो ज्यादातर फिल्में प्रेम कहानियों पर आधारित होती है। इसी के चलते एक और फिल्म ‘एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा...’ बडे पर्दे पर रिलीज हो गई। साल 1994 में आई बॉलीवुड की फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ का टाइटल सॉन्ग ‘एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा...’ पर आधारित फिल्म में दर्शकों का दिल जीतने में जरूर सफल होगी। क्योंकि यह एक लेस्बियन लव स्टोरी फिल्म है। जहां भारत में ऐसी फिल्में बहुत कम ही बनती हैं जिस वजह से दर्शक इसे देखना पसंद कर सकते हैं। 
शैली चोपड़ा धार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा’ 1994 में आई फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ को आगे बढ़ाते हुए अब अनिल कपूर अपनी बेटी के साथ नई कहानी लेकर आए हैं। इस कहानी में रोमांस, इमोशन, ड्रामा समेत तमाम पहलुओं से रूबरू कराया है। फिल्म ‘एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा...’ में जिस तरह की लव स्टोरी को दर्शाने की सख्त आवश्यकता थी और शैली चोपड़ा धार ने यह काम बहुत ही खूबसूरत ढंग से किया है।
यह कहानी है मोगा में रहने वाले बलबीर चैधरी (अनिल कपूर) की जो अपनी बेटी स्वीटी (सोनम कपूर) की शादी के लिए लडकी ढूंढ रहा है और उसके लिए समाज की शादियां और शादी कराने वाली वेबसाइट का भी सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में साहिल मिर्जा (राजकुमार राव) एक लेखक है। लेकिन उसके नाटक ज्यादा सफल नहीं होते हैं। 
दिल्ली में साहिल की मुलाकात स्वीटी (सोनम कपूर) से होती है। साहिल को स्वीटी से प्यार हो जाता है। स्वीटी अपने भाई से बचकर भाग रही होती हैं और फिर साहिल उसकी मदद करता है। साहिल को पहली नजर में स्वीटी से प्यार हो जाता है और वह उसके पीछे पीछे छत्रो (जूही चावला) के साथ नाटक और टैलंट हंट के बहाने स्वीटी के गांव मोगा पहुंच जाता है। 
स्वीटी का भाई घर में बोलता है कि स्वीटी का चक्कर किसी मुसलमान लडके के साथ चल रहा है। स्वीटी के घरवालों को लगता है कि साहिल उसका बॉयफ्रेंड है लेकिन असलियत कुछ और ही होती है। ढेर सारी घटनाओं के उतार-चढ़ाव के बाद साहिल को पता चलता है कि स्वीटी को किसी और से प्यार है। आखिर स्वीटी को किससे प्यार होता है और वो अपने प्यार को पाने में सफल होती है। ऐसे में फिल्म में आगे क्या होता है इसके लिए आपको सीधे सिनेमाघरों की तरफ रूख करना होगा।
फिल्म की शुरुआत थोड़ी फीकी होती है लेकिन बाद में यह फिल्म रफ्तार पकडने में कामयाब होती है। फिल्म में कुछ ऐसे दृश्य हैं जिन्हें देखकर आपकी आंखें नम हो जाएगी और साथ ही रोंगटे भी खड़े हो जाएंगे।
शैली चोपड़ा और गजल धलीवाल एक अलग तरह का रोमांस लेकर आए हैं। एक ऐसे मुद्दे के साथ जिसके बारे में आज भी समाज शर्म- लिहाज के डर से छिप छिपाकर ही बातें करता है। सालों से जहां हमने फिल्मों में स्ळठज् समुदाय का मजाक ही बनते देखा है, इस फिल्म में वह किसी ताजे हवा के झोंके की तरह लगती है और एक उम्मीद जगाती है। यह तारीफ के काबिल है कि सोनम कपूर जैसी मेनस्ट्रीम एक्ट्रेस ने इस किरदार के लिए हामी भरी। भावनात्मक रुप से दमदार इस किरदार में सोनम कपूर ने शानदार अभिनय किया है। अनिल कपूर पूरी फिल्म में अपनी चमक बनाए रखते हैं और वहीं क्लाईमैक्स में रूला डालते हैं।
यह फिल्म सोनम कपूर के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्मों से एक हैं। सोनम कपूर और राजकुमार राव की एक्टिंग आपका दिल जीतने में सफल होगी। दोनों ने ही अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है। साथ ही अनिल कपूर और जूही चावला ने भी अपने किरदार बखूबी निभाए हैं। जूही चावला के डायलॉग्स थोड़े फीके लगते हैं लेकिन उन्होंने अपना रोल पूरी शिद्दत के साथ निभाया है।
यह फिल्म आपको हंसाएगी, रुलाएगी और सोचने पर मजबूर कर देगी कि क्यों हमारे समाज में अभी तक समलैंगिक रिश्तों को नहीं अपनाया जाता है।
फिल्म के गानें पहले ही दर्शकों के बीच काफी पॉपुलर हो चुके हैं। साल 1994 में आई बॉलीवुड की फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ का टाइटल सॉन्ग ‘एक लडकी को देखा तो ऐसा लगा...’ भी इसमें चार चांद लगा रहा है। रीमेक सॉन्ग इंटरनेट पर खूब छाया रहा।