शीला दीक्षित ने दिल्ली के अमन विहार में एक वर्ष की बालिका के साथ जघन्य बलात्कार की घटना पर तीव्र भर्त्सना करते हुए अपना गहरा दुख प्रकट किया

रिपोर्ट: अजीत कुमार


 


 


 


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दिल्ली के अमन विहार में एक वर्ष की बालिका के साथ जघन्य बलात्कार की घटना पर तीव्र भर्त्सना करते हुए अपना गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने दिल्ली की कानून व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की है।


प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के रिकार्ड में अमन विहार को जघन्य अपराधोंबच्चों के विरुद्ध यौन शोषण और देह व्यापार के लिए कुख्यात माना गया हैइसके बावजूद दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र में बढ़ते हुए अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में बलात्कार के बहुत से मामलेछेड़छाड़ और बच्चों के अपहरण जैसे अपराध अमन विहार में घटित होते रहे हैं। इन अपराधों को रोकने में न केजरीवाल सरकार और न दिल्ली पुलिस ने कोई प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अमन विहार अपराधों को लेकर इतना कुख्यात है कि दिल्ली पुलिस का थाना भी मौजूद हैंलेकिन तब भी वहां अपराधों की भरमार बढ़ती जा रही है।


दिल्ली पुलिस क्या कर रही हैदिल्ली पुलिस वहां और अधिक फोर्स को क्यों नहीं लगाती’ शार्मिष्ठा मुखर्जी ने सवाल करते हुए कहा। उन्होंने दिल्ली में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते जघन्य अपराधों को रोकने में असफल होने पर केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग करी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’ बन गई हैजैसा कि एनसीआर की अपराध रिपोर्ट में दिल्ली अन्य मेट्रोपोलिटन शहरों के मुकाबले महिला और बच्चों के प्रति अपराध में सबसे पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध  न केवल आपराधिक गतिविधि हैबल्कि सामाजिक समस्या भी है।


शमिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को अपने हंसते-मुस्कुराते चेहरों की होर्डिंग द्वारा नुमाइश करने पर जनता का पैसा बर्बाद करने के बजाए केंद्र और दिल्ली सरकार को लोगों में कानूनी जागरूकता और कानून का भय तथा जघन्य अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करना चाहिए।


शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सवाल किया कि केजरीवाल और नरेन्द्र मोदी ने वायदा किया था कि बलात्कार और पास्को से संबंधित अपराधों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रेक अदालते बनाई जाएंगी लेकिन न मालूम इन वायदों का क्या हुआउन्होंने कहा कि निर्भया केस की परिणिती में पूरी देश ने एकजुट होकर महसूस किया था कि ऐसे जघन्य अपराध अब कभी नहीं दोहराये जाने चाहिएंलेकिन कुछ नहीं बदला बल्कि महिलाओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैंखासतौर से दिल्ली में। उन्होंने कहा कि निर्भया कांड हुआ था तब केजरीवाल ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था और शीला दीक्षित को ट्वीट किया था कि वह मुख्यमंत्री होने के नाते वे अपने दोष को स्वीकार करें या इस्तीफा देंयद्यपि दिल्ली पुलिस केंद्र गृह मंत्रालय को अधीन है।


शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी होने के नाते यहां राष्ट्रपतिप्रधानमंत्रीविभिन्न देशों की एम्बेसी और अन्य वीआईपी व्यक्तियों के निवास स्थान हैंइसलिए दिल्ली यहां के निवासियों के लिए विषेश रूप से सुरक्षित होनी चाहिएखासतौर से महिलाएं और बच्चों के लिए परन्तु दुर्भाग्य से केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली में केजरीवाल सरकार बढ़ते हुए अपराधोंविशेष रूप से महिलाओं-बच्चियों के साथ दुष्कर्मों को रोकने में असफल साबित हुई है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि हाल ही में एक फरवरी को एक डाक्टर को सुल्तानपुरी में नाबालिग रोगी के बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, 30 जनवरी को मधु विहार में 8 वर्ष की बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ। उन्हांने कहा कि 2013 में 1636 रेप केस रिपोर्ट हुए थे जबकि वर्ष 2018 (नवम्बर तक) 1983 रेप केस सामने आए हैं अर्थात छह बलात्कार प्रतिदिन रिपोर्ट किए गए। यह दिल्ली पुलिस की वेबसाइट का आंकड़ा है।


शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि आपराधिक कानून और पास्को एक्ट 2018 के संशोधन को हाल में बहुत सख्त बनाया गया कि राज्यों को जांच और ट्रायल दो महीने के अंदर पूरा कर लेना चाहिए। जबकि 2018 में दिल्ली में हुए 82 मामले जांच के लिए अभी तक लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पास्को एक्ट के अंतरगत पिछले चार वर्षों में 412 व्यक्ति गिरफ्तार हुएसाथ ही 160 लम्बित केस भी थेलेकिन बड़े दुख की बात है कि एक भी पास्को एक्ट के तहत कोई दोषी करार नहीं दिया गया।


शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल सरकार महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के प्रति लोगों को कानूनी प्रक्रिया के लिए जागरूक करने में असफल रही है। केजरीवाल सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित जेंडर रिसोर्स सेंटर्स को दिल्ली में बंद कर दिया है। शीला सरकार द्वारा स्थापित 103 जेंडर रिसोर्स सेंटर्स, 26 विस्तारित सेंटर, 5 होमलेस रिसोर्स सेंटर, 5 जिला रिसोर्स सेंटर, 43 आवाज उठाओं सेंटर और 181 हेल्पाइन नम्बरजो सीधे मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा मॉनीटर किया जाता थेउनको भी बंद कर दिया गया।