बाल भिक्षावर्ती को रोकने पूरे देश में 17000 किमी. की पद यात्रा कर लौटा दिल्ली का बेटा

रिपोर्ट : अजीत कुमार 


 


 


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भारत के पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम का सपना था कि देश का हर बच्चा 2020 तक स्कूल जाए। लेकिन दुर्भाग्य है, कि उनका यह सपना अबतक सही तरीके से साकार नही हुआ है। देशभर में बढ़ती बाल भिक्षावृत्ति को देखते हुए दिल्ली के बादली गांव का एक नौजवान आशीष शर्मा ने बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए एक अनोखे अभियान की शुरुआत की। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के एक विजन को लेकर देश से बाल भिक्षावृत्ति को खत्म करने के उद्देश्य से ‘उन्मुक्त इंडिया’ अभियान के तहत पूरे देश में 17 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर इस संदेश को जन जन तक पहुंचाने के बाद वापिस दिल्ली लौटे, जहां आशीष का भव्य स्वागत हुआ और इनके इस साहसिक पहल की बेहद सराहना की गई।
सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को लगभग हम रोज ही देखते हैं। कई लोग उन्हें कुछ पैसे देते हैं तो कुछ लोग ऐसा न करने की नसीहत देकर चलते बनते हैं। वहीं, कुछ लोग उनकी इस हालत के लिए सरकार को कोसते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि लगभग हर प्रदेश में भिक्षावत्ति को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर विभाग भी हैं और योजनाएं भी। इतना ही नहीं जयादातर शहरों में भिक्षुक गृह भी बने हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर खाली ही हैं। ऐसे में दिल्ली के युवा इंजीनियर आशीष शर्मा ने बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए एक अनोखे अभियान की शुरुआत की।
देश भर में बाल भिक्षा के खिलाफ 17000 किलोमीटर की यात्रा के बाद अब आशीष दिल्ली में हैं और यहां भी इनकी पदयात्रा जारी है। रविवार सुबह दिल्ली के बेगम पुर चैक पर आशीष के साथ पदयात्रा में उनका साथ देने हर वर्ग के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, हर कोई इस मुहिम में अपनी भागीदारी दर्ज कराना चाहता था। जिसे लेकर लोगों में काफी उत्साह भी दिखा, आशीष ने बातचीत के दौरान बताया कि वह इस अभियान के तहत प्रथम चरण में अब तक 29 राज्य व सात केंद्र शासित प्रदेश का पदयात्रा कर चुके हैं। इसमे 267 गांवों में गहन संपर्क शामिल है। ओर उनका ये सफर काफी कठनाईयों भर रहा, सबसे बड़ी बात जो आशीष ने बताई वो ये कि देश भर में बाल भिक्षावृति से जुड़े बच्चे मजबूरी के चलते कम बल्कि माफिया की वजह से देश की सडको पर भीख माँगने को मजबूर हैं।
पेशे से इंजीनियर आशीष ने न सिर्फ अपनी नोकरी छोड़ी बल्कि परिवार के बारे में बिना सोचे समझे आज से करीब पौने दो साल पहले बाल भिक्षावर्ती और बच्चो की शिक्षा के लिए अपने इस अभियान की शुरआत की और इस दौरान वो कई राजनेताओं बड़े अधिकारियों समेत फिल्म जगत में सुपरस्टार रजनीकांत जैसी बड़ी बड़ी हस्तियों से भी मुखातिब हुए और सभी से इस मुहिम में जुड़ने की अपील की। आज जब आशीष दिल्ली पहुँचे तो पहले से एक विशाल जनसमहू उनकी राह देख रहा था, यहाँ आते ही उनका बड़े ही भव्य तरीके से तिलक और वेद मंत्रों के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। उनके साथ इस मुहिम का गवाह बनने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जाने माने अंतर्राष्ट्रीय पहलवान ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त भी पहुँचे और आशीष और तमात जनसमूह के साथ बेगम पुर चैक से कराला स्टेडियम तक पैदल कूच की और लोगो से अपील की कि वो इस महान मुहिम में अपने इस युवा साथी का बढ चढ़ कर साथ दें।
इस कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी ओमवीर सिंह बिश्नोई, जाने माने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एथलीट कोच मुकेश वत्स और बीजेपी नेता मोहन भारद्वाज समेत बहुत सारे गणमान्य लोगो ने भी शिरकत की और इस मुहिम का हिस्सा बने। स्टेडियम में पहुँचने पर एक बार फिर से आशीष का स्वागत किया गया, और यहाँ मंच पर देश के असली हीरो यानी हमारी भारतीय सेना के जवानों को भी सम्मानित किया गया। स्टेडियम में मौजूद हजारों लोग इस यादगार पल का हिस्सा बने। लेकिन अब देखना होगा कि दिल्ली के इस युवा की ये मुहिम कब तक और कितनी कारगर साबित होती है, पर उम्मीद है कि जो आगज हुआ है वो आज भले ही सिर्फ एक चिंगारी हो पर वो एक दिन शोला जरूर बनेगी।