दिल्ली में महिला के साथ प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले युवक ने किया 4 साल तक बलात्कार

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 


 


 


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राजधानी दिल्ली में महिला के साथ प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले युवक ने किया 4 साल तक बलात्कार। महिला का आरोप 4 साल घर में बंधक बनाकर महिला के साथ दिया दुष्कर्म की वारदात को अंजाम। कई बार प्रेग्नेंट होने पर आरोपी ने कराया महिला का अबॉर्शन। आखिरकार गर्भावस्था के हालत में महिला किसी तरीके से निकलकर पहुंचे अपने गांव बंगाल। 9 महीने की बच्ची को लेकर वापस दिल्ली इंसाफ की आस में आई, और महिला को है अभी भी इंसाफ मिलने का इंतजार।


राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। कई बार तो महिलाएं समाज के डर से अपने साथ हो रहे दुष्कर्म ओं की बात किसी को बताती तक नहीं है। कई बार यूं ही देखा गया कि महिला के सम्मत करने के बाद भी पुलिसकर्मी द्वारा महिला की मदद नहीं की जाती है। नेताजी सुभाष प्लेस थाना का भी सामने आया महापुराण इन दोनों के चक्कर लगाते हैं और शाम होने पर उसकी शिकायत नहीं लिखी गई। दरअसल मूल रूप से बंगाल की रहने वाली महिला 2014 में दिल्ली आई, और उसको किसी जानकार ने महिला को दिल्ली के शकूरपुर में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले राम उदगार यादव से मिलवाया। महिला से मिलने के बाद राम की नियत में खोट आया और उसने धोखे से महिला का अश्लील फोटो लेकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। महिला का आरोप है कि उसके घर बुलाकर उसके साथ जबरन बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया और ऐसा ना करने पर उसकी बात ना मानने पर महिला की अश्लील फोटो नेट पर डालने की धमकी भी दी गई।

पीड़ित महिला की माने तो 2014 से लेकर 4 साल तक महिला को एक घर में बंधक बनाकर राम उपकर यादव उसके साथ बलात्कार करता रहा और बात ना मानने पर उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। इस दौरान महिला कई बार प्रेग्नेंट हुई लेकिन महिला का आरोप है कि शकूरपुर के ही एक निजी अस्पताल में उसका 4 बार अबॉर्शन कराया। पांचवीं बार गर्भवती होने पर महिला किसी तरीके से राम यादव चंगुल से निकलकर अपने मूल गांव पहुंची और वहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। 9 महीने बाद महिला यह सोचकर दिल्ली वापस आई थी उसे इंसाफ मिलेगा और जब इंसाफ की गुहार लगाती हुई महिला नेताजी सुभाष प्लेस थाने पहुंची तो वहां से मायूसी हाथ लगी। महिला ने एनजीओ से संपर्क किया और एनजीओ के साथ मौर्या एंक्लेव थाने में एफ आई आर दर्ज कराने के लिए जब महिला पहुची तो महिला के मुताबिक वहां किसी ने उसकी बात तक नहीं सुनी और थाने से निकल जाने को कहा। अधिकार एनजीओ द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके दोनों खानों की शिकायत दी गई तब जाकर कंट्रोल रूम की शिकायत के बाद महिला को नेताजी सुभाष प्लेस थाने बुलाया गया और f.i.r. करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

राजधानी दिल्ली में एक तरफ तो प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करता है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के ही कई थाने ऐसे भी हैं जो महिलाओं की शिकायत तक दर्ज करने को तैयार नहीं है। महिला की माने तो नेताजी सुभाष प्लेस और मौर्या एंक्लेव थाने में भी इस पीड़ित महिला के साथ ऐसा ही कुछ हुआ। लेकिन आखिरकार एनजीओ की मदद लेने के बाद पीड़ित महिला के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया लेकिन महिला अभी भी अपनी बेटी और खुद के लिए इंसाफ का इंतजार कर रही है।