रिपोर्ट : अजीत कुमार
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का रुख करने से केवल ऊर्जा सुरक्षा ही सुनिश्चित नही होगी, बल्कि जलवायु की भी रक्षा होगी और प्रदूषण में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा में समुचित विकास से दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति होगी- पहला यह राष्ट्र में ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में योगदान देगी और पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करेगी, जिनसे युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति पारेषण, वितरण, नवीकरणीय एकीकरण, स्मार्ट ग्रिड कम्युनिकेशन में नई प्रौद्योगिकियों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी
और सम्मेलन ग्रिडटेक 2019 का उद्घाटन करने के पश्चात अपने उद्गार प्रकट कर रहे थे। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने विशेषज्ञों से भारत की ऊर्जा संबंधी मांग को पूरा करने और विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया में उत्सर्जित होने वाले कार्बन की मात्रा में कमी लाने संबंधी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए भी नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाली नई प्रौद्योगिकियों की तलाश करने को कहा।
नायडू ने इलैक्ट्रिकल व्हीकल्स जैसे परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल साधनों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इनमें कार्बन उत्सर्जन मे कमी लाने के अलावा कच्चे तेल के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा में बचत करने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने शहरों की योजना बनाने के स्तर पर ही नवीकरणीय ऊर्जा के प्रावधानों को शामिल करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व निवेश के लिए भारत की ओर देख रहा है और उन्होंने राय व्यक्त की कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत को लेकर उपजे इस नए उत्साह का मुख्य कारण भारत की आर्थिक वृद्धि ही है।
नायडू ने कहा कि तेजी से हुए शहरीकरण के कारण ऊर्जा की मांग और ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन की मात्रा में वृद्धि हुई है। उपराष्ट्रपति ने प्रौद्योगविज्ञों से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की आपार संभावनाओं के इस्तेमाल करने के नए तरीके तलाशने और आम आदमी को ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के बारे में शिक्षित करने का अनुरोध किया।
सम्पर्क और बिजली को विकास की कुंजी करार देते हुए नायडू ने पारेषण और वितरण में बिजली चोरी जैसी चुनौतियों से निपटने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने नवीकरणीय एकीकरण को सुगम बनाने के लिए उपयुक्त पारेषण और वितरण प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बहुत से देशों द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही ‘स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों’ में इन चुनौतियों से निपटने की क्षमता मौजूद है।
इससे पहले उपराष्ट्रपति ने ग्रिडटेक 2019 प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, मंडपों का अवलोकन किया तथा वहां मौजूद छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले नवोन्मेषी विचारों को प्रदर्शित कर रहे छात्रों के साथ मुलाकात और बातचीत कर उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई।
इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय में सचिव, अजय कुमार भल्ला, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारी, परम्परागत और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधि, आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र और अन्य लोग उपस्थित थे।