रेडियो पेशेवरों को नियमित टीकाकरण एवं बाल यौन शोषण पर महत्वपूर्ण संदेशों के लिए किया गया सम्मानित

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 


 


 


युनिसेफ-एआरओआई रेडियो4चाईल्ड पुरस्कारों का आयोजन मुंबई में हुआ, जहां 152 प्रविष्टियों में से विजेताओं का चुनाव किया गया। इस साल के पुरस्कारों के तहत आरजे को दो विषयों - नियमित टीकाकरण (मीज़ल्स रूबेला अभियान) तथा बच्चों के साथ होने वाली हिंसा उन्मूलन (बाल यौन शोषण) के तहत उनकी आधुनिक एवं विचारोत्तेजक प्रोग्रामिंग के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में यूनिसेफ की सेलेब्रिटी एडवोकेट करीना कपूर खान ने हिस्सा लिया। 

करीना कपूर खान ने कहा ''मुझे खुशी है कि मुझे यूनिसेफ द्वारा शुरू किए गए एवरी चाईल्ड अलाईव अभियान के साथ जुड़ने का मौका मिला है, क्योंकि इसके तहत हर बच्चे को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण के महत्व पर जागरुकता बढ़ाने के लिए विभिन्न आधुनिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेडियो के साथ अपनी व्यक्तिगत अनुभव की बात करूं तो यह युवा परिवारों, युवाओं एंव सीमांत समुदायों को टीकाकरण के महत्व पर शिक्षित करने के लिए उत्कृष्ट माध्यम है। साथ ही एक मां होने के नाते मैं समझती हूँ कि हर बच्चे के लिए टीकाकरण बहुत ज़रूरी है, टीकाकरण के साथ बच्चे के जीवन की स्वस्थ शुरूआत होती है। मैं इस महत्वपूर्ण संदेश के प्रसारण के लिए यूनिसेफ को पूरा सहयोग प्रदान करना चाहती हूँ।'' 

2018 में यूनिसेफ और एआरओआई द्वारा एक क्षमता निर्माण कार्यशाला की शुरूआत की गई, जिसके तहत 40 अखिल भारतीय रेडियो एवं निजी एफएम रेडियो पेशेवरों को रेडियो जिंगल, टॉक शो आदि के माध्यम से टीकाकरण एवं बच्चों से जुड़ी अन्य समस्याओं पर महत्वपूर्ण संदेश प्रसारित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह पुरस्कार समारोह इसी कार्यशाला का समापन है।

डॉ प्रदीप हल्दर, डिप्टी कमिश्नर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रेडियो समुदाय से आग्रह किया कि टीकाकरण के महत्व पर संदेश प्रसारित करने में योगदान दें तथा टीकों/ वैक्सीन से जुड़ी किसी भी गलत अवधारणा को दूर करने में मदद करें। 

यूनिसेफ इण्डिया में चीफ़ ऑफ हेल्थ, डॉ गगन गुप्ता ने कहा, ''यूनिसेफ अधिक से अधिक संख्या में बच्चों तक टीके एवं अन्य सेवाएं पहुंचाने के लिए सरकार, मीडिया, समुदायों एवं साझेदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। शुरूआती बचपन के विकास एवं बच्चों की उत्तरजीविता को सुनिश्चित करने के अलावा यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि किसी भी पहलू से लड़कियां पीछे न रहें। इन्हें भी उचित विकास का मौका मिले।'' 

सार्वजनिक-निजी मीडिया तथा सिविल सोसाइटी साझेदारी के अनुकरणीय उदाहरण के रूप में यूनिसेफ रेडियो4चाईल्ड को ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में देखती है, जहां बच्चों से जुड़ी सभी समस्याओं को हल किया जा सके। राजेश्वरी चंद्रसेकर, चीफ़ ऑफ फील्ड ऑफिस, महाराष्ट्र ने समय पर टीकाकरण के संदेश प्रसारित करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा, ''टीकाकरण एक रक्षात्मक आवरण के रूप में काम करता है, जो परिवारों और समुदायों को सुरक्षित रखता है। अपने बच्चों को टीकाकरण देकर हम अपने समाज के सबसे संवेदनशील सदस्यों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।''

2014 में इस अवरधारणा की शुरूआत के बाद से इन पुरस्कारों का पैमाना लगातार बढ़ रहा है, 2014 में इसके लिए 21 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी। इस साल यूनिसेफ़ को 17 राज्यों से 152 प्रविष्टियां मिली- जबकि दूसरे संस्करण में यह संख्या 120 थी। इनमें से सबसे ज़्यादा 18 प्रविष्टियां झारखण्ड से आईं, दिल्ली से 15, उड़ीसा से 11 प्रविष्टियां आईं। पूर्व और उत्तर-पूर्व से, आसाम, बिहार, झारखण्ड और पश्चिमी बंगाल से रेडियो स्टेशनों ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। दक्षिण की बात करें तो केरल और तमिलनाडू से प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।

जूरी ने रेडियो प्रविष्टियों के प्रयासों की सराहना करते हुए स्पेशल मेंशन अवॉर्ड भी दिए, जिन्हें कम्युनिटी रेडियो सहित देश के सुदूर इलाकों से भेजा गया था।'' देश भर से आए रचनात्मक विचारों को देखकर अच्छा लगता है।'' उदय चावला, सचिव, एआरओआई ने कहा।

जूरी सदस्य एवं एनएसई फाउन्डेशन के सीईओ रेमा मोहन ने देश भर से युवा रेडियो पेशेवरों को बधाई दी, जिन्होंने टीकाकरण प्रोग्राम तथा बच्चों से जुड़े मुद्दों पर सामाजिक संदेश प्रसारित करने में सराहनीय योगदान दिया है। ये कोरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व प्रोग्राम समाज में, विशेष रूप से दूर-दराज के इलाकों में टीकाकरण, यौन शोषण उन्मूलन तथ लड़कियों की शिक्षा पर संदेश प्रसारित कर सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।'' उन्होंने कहा। 

डॉ के सी सिन्हा ने कहा कि ऑल इण्डिया रेडियो ने आज़ादी के बाद से सार्वभौमिक स्वास्थ्य की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। ऑल इण्डिया रेडियो को बच्चों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पन इसको आधुनिक संदेशों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 


यूनिसेफ का मानना है कि रेडियो अपनी व्यापक पहुंच के साथ देश के सुदूर इलाकों के लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों तथा यूनिसेफ के अभियानों जैसे एवरी चाईल्ड अलाईड एवं एंड वॉयलेन्स पर जागरुक बनाने में महत्वपूर्ण लिंक की भूमिका निभाता है।

पुरस्कार इस कार्यशालाओं का समापन है तथा इन कार्यशालाओं में हिस्सा लेने वाले रेडियो पेशेवरों के योगदान को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं।