क्या ‘गैर गांधी’ बनेगा कांग्रेस पार्टी का प्रमुख ?

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


 


राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितता के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने रविवार को कहा कि एक 'गैर गांधी' पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने दावा किया है कि नेहरू-गांधी नाम के अध्यक्ष के बिना भी पार्टी जिंदा रहेगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा का लक्ष्य “गांधी मुक्त कांग्रेस” है ताकि फिर “कांग्रेस मुक्त भारत” का उनका उद्देश्य पूरा हो सके। अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए। अपने बड़बोले बयानों की वजह से कई बार पार्टी से साइडलाइन किए जा चुके मणिशंकर का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब कांग्रेस गांधी परिवार से अलग किसी नेता को अध्यक्ष पद सौंपने के बारे में पार्टी अबतक कोई सोच ही नहीं बना पायी है।
मणिशंकर अय्यर ने एक इंटरव्यू में कहा है कि गैर-गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन यह भी तभी संभव है, जब गांधी परिवार की संगठन में सक्रिय भूमिका रहे। उन्होंने कहा है कि वे तो चाहते हैं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष बने रहें, लेकिन अगर उनकी इच्छा हटने की है, तो उसका भी सम्मान होना चाहिए। अय्यर ने कहा है कि, ष्मुझे पूरा भरोसा है कि बिना नेहरू-गांधी नाम के प्रमुख के बिना भी पार्टी जीवित रहेगी, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नेहरू-गांधी नाम पार्टी में एक्टिव रहे और जहां भी कोई गंभीर मतभेद की स्थिति पैदा हो तो उसके निपटारे में मदद कर सके।
उन्होंने कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे जहां गंभीर मतभेद उत्पन्न हों।” अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाए यह जानने के लिए “अंतिम समय सीमा” का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है।
अय्यर के मुताबिक राहुल ने पार्टी को उनकी जगह नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक महीने का वक्त दिया है। हालांकि, पार्टी में यह आम चर्चा है कि उन्हें ही अध्यक्ष बने रहना चाहिए। अय्यर ने कांग्रेस में आए इस संकट का ठीकरा भी बीजेपी पर ही फोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि, मैं जानता हूं कि बीजेपी का मकसद 'गांधी-मुक्त कांग्रेस' का है, जैसे 'कांग्रेस-मुक्त भारत' का है। मैं नहीं सोचता कि हमें यह सोचकर उनके ट्रैप में फंसना चाहिए कि उन्होंने कुछ ऐसा खोज निकाला है, जो हम नहीं खोज सकते।
अय्यर ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा है कि नेहरू-गांधी परिवार से भी अलग लोग कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके लिए उन्होंने यूएन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक का नाम लिया। हालांकि, सीताराम केसरी जैसे नेताओं का नाम लेना वो भूल गए, जिन्हें कथित तौर पर सोनिया गांधी की वजह से अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था। दरअसल, इसबार लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद 25 मई को राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी और किसी दूसरे गांधी को भी यह जिम्मेदारी नहीं सौंपने की हिदायत दी थी। तब से कांग्रेस उनका विकल्प ढूंढने की कोशिशों में लगी हुई है और तरह-तरह के फॉर्मूले निकल कर सामने आ चुके हैं, लेकिन अबतक फाइनल कुछ भी नहीं हुआ है।