ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए आग का दरिया है, और डूब के जाना है

रिपोर्ट : अनुज झा


 



 


ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए एक आग का दरिया है, और डूब के जाना है। कुछ ऐसा ही नजारा दिल्ली के करोल बाग में देखने को मिला। दरअसल पदार्पण फिल्म्स एंड थिएटर इंस्टीट्यूट के कलाकारों द्वारा नाट्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें समाज की एक ऐसी ही सच्चाई को दर्शाया गया।
राजधानी दिल्ली के करोल बाग स्थित पदार्पण फिल्म्स एंड थिएटर इंस्टीट्यूट के कलाकारों द्वारा समाज की एक कडवी सच्चाई को दर्शाया गया। जिसमें एक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से लोगों तक यह संदेश पहुॅचाने का प्रयास किया गया, कि भले हीं आज हम 21वी सदी में प्रवेश कर चुके है, लेकिन बावजूद इसके आज भी समाज का एक तबका दो प्रेमियों के बीच जाति, धर्म, रूतबा और धन - दौलत की दीवार बन कर खडा हो जाता है। पदार्पण फिल्म्स एंड थिएटर इंस्टीट्यूट के कलाकारों द्वारा एक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से यह दर्शाया गया कि दो प्रेमियों के प्रेम की जीत तो होती है, लेकिन इस बीच उन्हें समाज के कई दौर से गुजरना पडता है। और शायद यह कहावत भी इसलिए कही गई है, कि ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए एक आग का दरिया है, और डूब के जाना है। कुछ ऐसी ही कहावत इस नाट्य की प्रस्तुति के माध्यम से देखने को मिला।
आपको बता दें कि पदार्पण फिल्म्स एंड थिएटर इंस्टीट्यूट द्वारा समय समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज के ऐसे कई अच्छे और बुरे अनुभव छिपे होते है, ताकि सामाजिक कुरीतियों को लोगों के बीच प्रस्तुत कर उसके प्रति जागरूक किया जा सके। और इस नाट्य प्रस्तुति द्वारा भी कुछ ऐसा ही प्रयास किया गया।