रिपोर्ट : अजीत कुमार
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने दिल्ली में पांच वर्षीय विजन दस्तावेज तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता की। उन्होंने राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने देश के विकास के लिए शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि वह अपने राज्यों के अंदर नीति दस्तावेज पर अस्थायी टिप्पणियां देने के लिए नीति दस्तावेज पर विचार-विमर्श करें। मानव संसाधन विकास मंत्री अगस्त, 2019 में शिक्षा नीति पर सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि समर्थ, सशक्त और समृद्ध नये भारत के निर्माण के लिए शिक्षा आधार है।
पोखरियाल ने कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों ने अनेक कदम उठाए हैं और नये कदम उठाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य अधिकतर स्कूलों का संचालन करते हैं, इसलिए विजन दस्तावेज को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। इसीलिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श का निर्णय लिया गया है।
बैठक के दौरान राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों ने अनेक मूल्यवान सुझाव दिए। इन सुझावों को आपस में जोड़ने और संकलित करने के लिए एनसीईआरटी को भेजा जाएगा। भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों से वार्षिक उप-योजनाओं, समय सीमा तथा उपलब्धियों के साथ परिणाममूलक पांच वर्षीय विजन दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता विभाग की सचिव रीना रे भी उपस्थित थीं।