पढ़ाने की रटाने वाली पद्धति खत्म करें ; उपराष्ट्रपति

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पढ़ाने की रटाने वाली पद्धति खत्म करने और छात्रों के लिए कक्षा की पढ़ाई को दिलचस्प और सुखद अनुभव बनाने की अपील की है। उन्होंने शिक्षकों से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के द्वारा छात्रों के कौशल को अद्यतन और बेहतर बनाने की अपील की बजाय इसके कि शिक्षण को एक यांत्रिक अभ्यास बना दिया जाए।


नायडू ने यह भी कहा कि छात्रों की समझ को बेहतर करने के लिए शिक्षकों को वास्तविक जीवन स्थितियों के उदाहरण देने की आवश्यकता है।


आज मैसूर में शिक्षा के क्षेत्रीय संस्थान में डॉ. एस. राधाकृष्णन सभागार का शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं है, बल्कि इससे मानवीय गुणों को बढ़ावा देने के द्वारा व्यक्ति का ज्ञानवर्धन और सशक्तिकरण होना चाहिए।


उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति, इतिहास और परंपरा अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रणाली के आवश्यक तत्व बनने चाहिए।


इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाईवाला, एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. एच.के. सेनापति क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान केप्राचार्य प्रो. वाई. श्रीकांत एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।