संस्कृत फिल्म ‘अहम ब्रह्मास्मि’ का ट्रेलर हुआ लांच

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


20 जुलाई की शाम कॉन्स्टिटूशन क्लब ऑफ इंडिया के इतिहास में एक भव्य और सार्थक समारोह का नाम जुड़ गया। देवभाषा संस्कृत में निर्मित पहली मुख्यधारा की फिल्म अहम ब्रह्मास्मि का ट्रेलर का विमोचन किया गया। भारतीय सिनमा के आधार स्तम्भ बॉम्बे टॉकीज और महिला निर्मात्री कामिनी दुबे के संयुक्त निर्माण और सैन्य विद्यालय के यशस्वी राष्ट्रवादी फिल्मकार आजाद के द्वारा लिखित-निर्देशित-अभिनीत फिल्म अहम ब्रह्मास्मि शीघ्र प्रदर्शन हेतु तैय्यार है।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथि वृंद ने फिल्म का ट्रेलर देखकर ही प्रसन्न मुद्रा में आजाद और फिल्म की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इस विरल रचनात्मक कार्य को देश और विदेश में देव भाषा संस्कृत के विकास में आजाद के योगदान की चर्चा की। आमंत्रित गणमान्य अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि विश्व पटल पर संस्कृत का प्रचार प्रसार फिल्मकार आजाद का भगीरथ प्रयास है।
बॉम्बे टॉकीज की परम्परा हमेशा से ही सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई विचरोत्तेजक फिल्मों के सृजन का रहा है। उसी परम्परा का अनुपालन करते हुए सनातनी राष्ट्रवादी फिल्मकार आजाद ने भारत की सभ्यता और संस्कृति से संस्कृत के माध्यम से विश्व समुदाय को जोड़ने का काम किया है।
ज्ञातव्य है कि छः दशकों के अंतराल के बाद बॉम्बे टॉकीज का आजाद के नेतृत्व में राष्ट्रपुत्र के साथ भव्य पुनरागमन हुआ है। अहम ब्रह्मास्मि उसकी सफलता और कलात्मक विस्फोट की अगली कड़ी है।
आजाद की बहुप्रतिक्षित फिल्म 'अहम ब्रह्मास्मि' के संदर्भ में आजाद ने कहा की भारत को जानने और समझने के लिए संस्कृत की शरण में आना होगा। संस्कृत है तो संस्कृति है। आजाद ने जोर देकर कहा कि हमें अपनी सनातन संस्कृति पर गर्व है।
'अहम ब्रह्मास्मि' महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के जीवन और दर्शन पर आधारित वर्तमान की फिल्म है। फिल्मकार आजाद फिल्म के जरिए विश्व मानवता का संदेश देना चाहते हैं।
फिल्म का निर्माण ख्यतिलब्ध महिला निर्मात्री कामिनी दुबे और लेजेंडेरी फिल्म कम्पनी 'द बॉम्बे टॉकीज स्टूडीयोज' ने किया है। फिल्म की प्रस्तुति भारतीय सिनेमा के आधार स्तंभ 'राजनारायण दुबे', 1929 में स्थापित फाइनैन्स कम्पनी दुबे इंडुस्ट्रीज, अन्तर्राष्ट्रीय ट्रस्ट 'बॉम्बे टॉकीज फाउंडेशन', वर्ल्ड लिटरेचर आर्गेनाइजेशन, 'आजाद फेडरेशन' और 1922 में कुमारी छवि देवी द्वारा स्थापित भारत की प्राचीन आर्गेनाइजेशन 'विश्व साहित्य परिषद' ने किया है।


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