रिपोर्ट : अनुज झा
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री एनगैरतियास्तो लुकिता के साथ द्विस्तरीय बैठक की। यह बैठक आसियान व्यापार मंत्रियों के साथ तीन मंत्रियो (ट्रोइका) की बैठक की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई थी।
पीयूष गोयल ने इंडोनशिया के साथ भारत के व्यापार घाटे के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापार घाटा 2018-19 के बाद 10.57 बिलियन डॉलर का हो गया है। व्यापार संतुलन इंडोनेशिया के पक्ष में है। दोनों देशों को सतत व्यापार के लिए कार्य करने की जरूरत है। इसके लिए निर्यात में विविधता लाई जानी चाहिए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि कृषि, वाहन, इंजीनियरिंग उत्पाद, सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, जैव प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में व्यापार विस्तार की असीम संभावनाएं हैं। द्विपक्षीय व्यापार 2018-19 के दौरान 21.13 बिलियन डॉलर का रहा है। आसियान क्षेत्र में इंडोनेशिया भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। सिंगापुर पहले स्थान पर है।
पीयूष गोयल ने इंडोनेशिया में भारतीय वाहन और वाहन उपकरण उद्योग के आयात कोटा प्रतिबंधों की चिंता को रेखांकित किया। इन प्रतिबंधों से भारतीय निर्यात पर विपरीत असर पड़ा है। नये वाहनों के लिए नियामक प्रमाणन की लंबी अवधि से नये उत्पादों का लांच प्रभावित होता है। इंडोनेशिया के उत्सर्जन मानक वैश्विक उत्सर्जन नियमों से मेल नहीं खाते है। द्विपक्षीय एफटीए व्यवस्था के कारण भारतीय वाहन निर्माताओं की तुलना में अन्य प्रतियोगियों को बेहतर सुविधा मिली हुई है। इंडोनेशिया के मंत्री ने श्री पीयूष गोयल को आश्वस्त किया कि वे इस समस्या पर ध्यान देंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने आग्रह किया कि भारत के फ्रोजन हलाल बुफेलो मीट (एफएचबीएम) पर कोटा और प्रतिबंध नहीं लगाया जाए और आयातकों/वितरकों तक सीधे पहुंचने की छूट दी जाए। इंडोनेशिया ने कहा कि प्राधिकृत निर्यातकों पर कोई कोटा प्रतिबंध लागू नहीं होगा, यदि वे गुणवत्ता बनाये रखते है।
पीयूष गोयल ने कहा कि स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में भारत तथा इंडोनेशिया के बीच सहयोग की बहुत संभावनाएं है। इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री ने पीयूष गोयल को आश्वस्त किया कि भारत से उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती औषधि उत्पादों के संबंध में आयातकों से बातचीत करेंगे। इंडोनेशिया ने 990 मिलियन डॉलर मूल्य के औषधि उत्पादों का आयात किया है। इसमें भारत की हिस्सेदारी मात्र 75 मिलियन डॉलर है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने इंडोनेशिया से आग्रह किया कि भारत के खरबूजे, करेले, अंगूर, कद्दू जैसे कृषि उत्पादों तथा दुग्ध उत्पादों के लिए बाजार में बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। इंडोनेशिया ने पौधों के ताजे खाद्य (एफएफपीओ) का नया नियम बनाया है। भारत चाहता है कि उसके कृषि उत्पादों को इस नये नियम के अंतर्गत मान्यता दी जाए। यह नया नियम 17 फरवरी, 2016 को लागू किया गया था। इसमें ऐसे तकनीकी अवरोध है, जो भारत के निर्यात को प्रतिबंधित करते है।
इंडोनेशिया ने आश्वस्त किया कि वे भारत से चीनी का आयात करेगा। इसके लिए टैरिफ में कमी की जाएगी और भारत की जरूरतों के मुताबिक मानकों का नियमन किया जाएगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत, इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के आशान्वित है। उन्होंने इंडोनेशिया से आग्रह किया कि भारत-इंडोनेशिया द्विपक्षीय व्यापार मंत्री फोरम (बीटीएमएफ) की अगली बैठक जल्द से जल्द जकार्ता में आयोजित की जानी चाहिए।