उपराष्ट्रपति ने बाल्टिक क्षेत्र में भारत के संपर्क को आगे बढ़ाने के लिए तीन देशों का दौरा आरंभ किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू बाल्टिक क्षेत्र में भारत के संपर्क को आगे बढ़ाते हुए तीन देशों- लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के दौरे पररवाना हुए। उनकी यात्रा से तीनों देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और नागरिकों केआपसी संपर्क और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद मिलने की उम्मीद है।


नायडू 17 अगस्त को लिथुआनिया कीयात्रा से अपने दौरे की शुरुआत करेंगे और लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानस नोसदा के साथ एकांतिक रूप से मिलेंगे और बाद में उनके साथ शिष्टमंडल-स्तरीय वार्ता करेंगे। बाद में दोनों नेता प्रेस वक्तव्य देने से पहले समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे। नायडू राष्ट्रपति द्वारा आयोजित सरकारी प्रीति भोज में शामिल होंगे।


18 अगस्त को उपराष्ट्रपति काऊंस के महापौर विस्वलदास मतीजोसिटिस से मुलाकात करेंगे और बाद में काऊंस प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय संस्थान की सनाटक घाटी के लिए रवाना होंगे। नायडू और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को संस्थान द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के व्याख्यात्मक दौरे को लेकर निर्देशित किया जाएगा। बाद में उप राष्ट्रपति 'क्रूनोइस हाइड्रो पावर प्लांट'पर एक प्रस्तुति में भाग लेंगे। देर शाम को नायडू भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।


अगले दिन उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री सौलियस स्केवरेलिस के साथ बैठक करेंगे और दोनों नेता भारत - लिथुआनिया बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित करेंगे। नायडू मेमोरियल में उन लोगों को माल्यार्पण करेंगे, जो लिथुआनियाई स्वतंत्रता के संघर्ष में शहीद हुए थे।


उपराष्ट्रपति के अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में लातविया की राजधानी रीगा के लिए रवाना होने से पहले रीगास (लिथुआनियाई संसद) के सभापति विक्टरस प्रैंकिटिस के साथ उनकी बैठक शामिल है।


रीगा में उनके आगमन पर, उपराष्ट्रपति भारतीय सामुदायिक स्वागत समारोह को संबोधित करेंगे और लातविया में बसे भारतीयों के साथ बातचीत करेंगे।


20 अगस्त को उपराष्ट्रपति लातविया गणराज्य के राष्ट्रपति एगिल्स लेविट्स के साथस्वतंत्रता स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और लातविया केराष्ट्रीय इतिहास संग्रहालय जाएंगे और 'लातविया शताब्दी' प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे।


वह लातवियाई प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे। नायडू, साइमा की कार्यवाहक सभापति इनीस लीबीना-एग्नेरे से मुलाकात करेंगे और बाद में रीगा कैसल पहुंचेंगे और लातविया गणराज्य के राष्ट्रपति एगिल्स लेविट्स के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे।


शाम को लातविया के राष्ट्रपति के साथ नायडू और उनका प्रतिनिधिमंडल भारत-लातविया व्यापार मंच की बैठक में भाग लेंगे। उपराष्ट्रपति बाद में अपनी यात्रा के आखिरी चरण के लिए एस्टोनिया की राजधानी टालिन के लिए रवाना होने से पहले लातविया के राष्ट्रीय पुस्तकालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।


21 अगस्त को उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। वह एस्टोनिया गणराज्य की राष्ट्रपति केर्स्टी कलजुलैद के साथ एकांतिक रूप से वार्ता करेंगे।


बाद में नायडू एस्टोनिया गणराज्य के प्रधान मंत्री जूरी रातास के साथ वार्ता करेंगे और एस्टोनिया की राष्ट्रपति केर्स्टी कलजुलैद द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में भाग लेंगे। वह संसद के अध्यक्ष हेन पोलुआस से भी मिलेंगे।


उप राष्ट्रपति एस्टोनिया के विदेश मंत्रालय में मिशनों / राजदूतों के प्रमुखों की एक संगोष्ठी को संबोधित करेंगे और बाद में भारत-एस्टोनिया व्यापार मंच में भाग लेंगे। इसके बाद नायडू भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और दिल्ली के लिए रवाना होंगे।


यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति के साथ मानव संसाधन विकास और संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय शामराव धोत्रे, राज्यसभा सांसद रानी नाराह, राज्यसभा सांसद मानस रंजन भूनिया, लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा।