रिपोर्ट : अजीत कुमार
देश की राजधानी दिल्ली में पटाखे बंद करने के बावजूद भी कोर्ट के नियमों की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में अवैध पटाखों के कारोबार जारी है। दिल्ली के नरेला इलाके में पुलिस ने ऐसी ही एक फैक्ट्री में छापामार कार्यवाही करते हुए बड़ी मात्रा में पटाखे पकड़े हैं। ये छोटे पटाखे तेजी से दीवार पर मार कर बजाया जाता है। दिल्ली पुलिस ने फैक्टरी मालिक और एक टैंपो चालक को गिरफ्तार किया है।
देशभर में दिवाली के जश्न की तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। बाजारों में भी दिवाली के सामान की बिक्री होने लगी है। तो वहीं दूसरी ओर पिछली बार की तरह इस बार भी राजधानी दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक है। न्यायालय के आदेशानुसार दिल्ली में पटाखे की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बावजूद इसके दिल्ली में कोर्ट के नियमों की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में अवैध पटाखों का कारोबार जारी है। और ऐसा ही एक अवैध पटाखे के कारोबार का खुलासा हुआ है राजधानी दिल्ली में। राजधानी दिल्ली के उत्तरी बाहरी जिला पुलिस ने नरेला इंडस्ट्रियल एरिया से अवैध पटाखे की फैक्टरी का भंडाफोड़ कर बडी कार्यवाही करते हुए बड़ी मात्रा में पटाखे की बरामदगी की है। फैक्ट्री का मालिक 58 साल का राज कुमार गोयल है जिसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही टेंपो चालक को भी गिरफ्तार किया है। ये छोटे पटाखे तेजी से दीवार पर मार कर बजाया जाता है। पत्थर के टुकड़ों में कुछ बारूद मिला होता है और उस माध्यम से इन्हें बजाया जाता है।
दिल्ली के नरेला DSIDC एरिया में दिल्ली पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक टेंपो में 45 बड़े कार्टून ज्वलनशील व प्रतिबंधित पटाखे भरे हुए थे। जब टेंपो चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो टेंपो चालक ने गोदाम का पता बताया जहां पुलिस ने बड़ी मात्रा में पटाखे मिले और जांच में पता चला कि पास की फैक्ट्री में यह सब पटाखे बनाए जाते हैं। वहां जाकर पुलिस ने रेड की बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पटाखे यहां भरे हुए थे। यहां पुलिस को 669 बड़े पटाखों से भरे हुए बड़े कार्टून साथ ही फैक्ट्री में 10 टन पटाखे बनाने का मेटेरियल बरामद हुआ । साथ ही वहां पर पटाखे बनाने में प्रयोग होने वाले बड़े-बड़े एसिड के ड्रम थे। साथ ही 10 मशीन है पटाखे बनाने के काम में प्रयोग की जा रही थी। दिल्ली पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पटाखे की यह खेप नरेला से सोनीपत डिलीवर होनी थी। डीसीपी गौरव शर्मा के अनुसार अवैध पटाखो की पहली ही खेप थी, जिस पर दिल्ली पुलिस ने बडी कार्यवाही की है। उन्होने बताया कि इस फैक्टरी में 3 महीने पहले ही अवैध पटाखे का काम शुरू किया गया था। इससे पहले यहां पर खिलौने बनाने की फैक्टरी थी।
आपको बता दें कि इसी तरह के पटाखों की एक फैक्ट्री में 2 साल पहले बवाना एरिया में आग लगी थी और 17 लोग जिंदा जल गए थे। जिस फैक्ट्री में 17 लोग जिंदा जले थे उस फैक्ट्री में भी यही पटाखे बनाए जाते थे। यहां इस फैक्ट्री में इन पटाखों और बारूद का काम जारी था। यहां पटाखे बड़ी मात्रा में थे कई कमरों में यह पटाखे भरे हुए थे और दिवाली के अवसर पर यह पटाखे दिल्ली में खपत होने थे। न्यायालय के सख्त आदेश के बावजूद भी इस तरह का कारोबार दिल्ली में अभी भी लगातार जारी है। गलियों में बच्चे पटाखे बजाते हुए अभी से पाए जाते हैं और छोटी-छोटी परचून की दुकानों पर भी आप पटाखे खरीद सकते हैं। इसलिए इस दिवाली पर पॉल्यूशन का बढ़ना बहुत अधिक दिखाई दे रहा है।
बहरहाल दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक्सलोजीव एक्ट की धराये व आईपीसी धारा 285, 286 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि कौन-कौन लोग शामिल थे कहां से खरीदे और कहां सप्लाई करते थे। लेकिन यह बात चिंता का विषय है कि दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे इस तरह से पटाखे बनाने की फैक्ट्री चल रही थी और इतनी बड़ी मात्रा में पटाखे थे।