भारतीय सिनेमा के दो महारथियों – अमिताभ बच्चन और रजनीकांत की उपस्थिति में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के स्वर्ण जयंती संस्करण की भव्य शुरूआत पणजी, गोवा में हुई। पूरी दुनिया के सिनेमा से जुड़े लोगों के लंबे इंतजार के बाद 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआत पूरी भव्यता के साथ हुई।
समारोह का संचालन जाने-माने फिल्म निर्माता करण जौहर ने किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर व अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में अमिताभ बच्चन और रजनीकांत ने समारोह शुरू होने की घोषणा की। भारतीय सिनेमा में असाधारण योगदान के लिए रजनीकांत को आइकन ऑफ गोल्डन जुबली अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार की शुरूआत 50वें संस्करण से हुई है। फ्रांसीसी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री इजावेली एनी मेडेलिन हपर्ट को लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार द्वारा प्रारंभ की गई एकल खिड़की प्रणाली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माता भारत की ओर अधिक आकर्षित होंगे और अपनी फिल्मों की शूटिंग देश में करेंगे। भारत में प्राकृतिक सुंदरता से भरे अनेक शूटिंग स्थल हैं, लेकिन इन स्थलों पर शूटिंग के लिए 15-20 स्वीकृतियां लेनी पड़ती हैं। एकल खिड़की प्रणाली से ये सारी स्वीकृतियां एक बार में प्राप्त होंगी। इनसे गोवा, लेह-लद्दाख और अंडमान व निकोबार जैसे स्थानों को लाभ मिलेगा। फिल्म, आईटी और संगीत भारत की विशेषता है और हमें इसे आगे बढ़ाना है। प्रत्येक फिल्म और किरदार हमारे मन पर प्रभाव डालते हैं। इनमें हमारे विचारों को बदलने की क्षमता होती है। पूरी दुनिया में भारतीय फिल्मों के दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। चीन में भी लोग भारतीय फिल्में देखना चाहते हैं।
विश्व की कुछ बेहतरीन फिल्मों को इस महोत्सव में दिखाया जाएगा और यह गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने गोवा के स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई गई एक फिल्म का जिक्र किया जो नेत्रहीन लोगों के जीवन पर आधारित है।
रजनीकांत ने अमिताभ बच्चन से आइकन ऑफ गोल्डन जुबली अवार्ड पुरस्कार प्राप्त करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इस पुरस्कार को अपनी फिल्मों के निर्माता, निदेशक और तकनीकी सहयोगियों एवं शुभचिंतकों व तमिलनाडु के लोगों के प्रति समर्पित किया।
अमिताभ बच्चन ने सम्मान देने के लिए आईएफएफआई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि फिल्में सामाजिक जीवन का अभिन्न हिस्सा होती हैं। इतने बड़े स्तर के फिल्म महोत्सव से गोवावासियों को अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने महोत्सव की विशिष्टताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। 1952 में 23 देशों ने भाग लिया था, जबकि इस वर्ष 76 देशों की फिल्में इस महोत्सव में दिखाई जा रही है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि इस वर्ष के फिल्म महोत्सव में मनोरंजन से युक्त फिल्मों का अच्छा मेल है। आईएफएफआई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योगों के बीच के अंतर को समाप्त करता है। सिनेमा समय और समाज का दर्पण होता है।
सिनेमा की विश्व प्रसिद्ध हस्तियों – सिनेमेटोग्राफर और आईएफएफआई अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी के चेयरमैन श्री जॉन बेली, भारतीय फिल्म निर्माता और भारतीय ज्यूरी के चेयरमैन प्रियदर्शन तथा अन्य ज्यूरी सदस्य, रूसी प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख मारिया लीमीशिवा आदि ने कार्यक्रम की भव्यता में चार चांद लगाए।
उद्घाटन समारोह में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को एक लघु फिल्म के द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। इस फिल्म में आईएफएफआई के प्रति उनके योगदान को दिखाया गया है। उद्घाटन समारोह में भारतीय फिल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों रमेश शिप्पी, एम चन्द्रा, पी.सी.श्रीराम को सम्मानित किया गया।
उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक, केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे, प्रसार भारती के चेयरमैन ए सूर्यप्रकाश,केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अवर सचिव अतुल कुमार तिवारी,महोत्सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद, एंटरटेनमेंट सोसायटी ऑफ गोवा के वाइस चेयरमैन सुभाष फल देसाई व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रकाश जावड़ेकर ने समारोह में 50वें आईएफएफआई पर स्मारक डाक टिकट जारी किया। उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध गायक व संगीतकार शंकर महादेवन ने दर्शकों का मन मोह लिया।
महोत्सव की शुरूआत इटली की फिल्म 'डेस्पाइट द फॉग' से हुई। गोरान पास्कलजेविक इसके निर्देशक हैं। इस अवसर पर फिल्म की पूरी क्रू मौजूद थी। फिल्म महोत्सव में 7000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2019 में 76 देशों की 200 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी। रूस को फोकस देश के रूप में चुना गया है। महोत्सव के भारतीय पैनोरमा खंड में 26 फीचर फिल्में और 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जाएंगी। महोत्सव में 10 हजार से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है। महोत्सव का समापन 28 नवंबर, 2019 को पणजी, गोवा में होगा।