50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को समावेशी बनाने के लिए आईएफएफआई में ऐसी तीन फिल्में दिखाई जाएंगी जो विशेष जरूरत वाले लोगों के लिए होंगी। इन फिल्मों का प्रदर्शन सुगम भारत, सुगम फिल्में वर्ग के अंतर्गत किया जाएगा।
आईएफएफआई, सक्षम भारत और यूनेस्को का यह संयुक्त प्रयास है। इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए ध्वनि के माध्यम से कहानी का वर्णन करना है।
इस वर्ग की शुरूआत मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म के प्रदर्शन से हुई। इसके निर्देशक राजकुमार हिरानी है। इसे महोत्सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद ईएसजी के वाइस चेयरमैन सुभाष फल देसाई, ईएसजी के सीईओ अमित सतीजा और अभिनेत्री तापसी पन्नू ने लॉन्च किया। कार्यक्रम में लोक विश्वास प्रतिष्ठान विजुअली इम्पेयर्ड स्कूल, पोंडा और नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड के छात्र उपस्थित थे।
पहली बार भाग लेने आई अभिनेत्री तापसी पन्नू ने कहा कि वे यह जानकार आश्चर्यचकित हैं कि ऐसी फिल्में भी बनती हैं। मैंने ऐसी फिल्में नहीं देखी हैं जहां दृश्य का वर्णन ऑडियो माध्यम से होता है। मैं देखना चाहती हूं कि यह कैसे होता है।
मैं दृष्टिबाधित शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहती हूं। आपकी अन्य इंद्रियां हमारी इंद्रियों से ज्यादा मजबूत होती हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में संभव है कि उनकी फिल्मों का भी ऑडियो रूपान्तरण तैयार किया जायेगा।
इस वर्ग के तहत दिखाई जाने वाली फिल्में हैं – लगे रहो मुन्ना भाई, एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी और कोंकणी फिल्म क्वेस्टावो द कन्फ्यूसाव।