आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और राज्य सरकारों के बीच जीएचजीसी –भारत के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के लिए समझौते किए गए

 


 



 


आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने  सीएलएसएस आवास पोर्टल (सीएलएपी) की शुरूआत की। इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और 6 राज्य सरकारों - गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के बीच जीएचटीसी – भारत के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं के लिए अलग से समझौता ज्ञापनों का भी आदान-प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, मंत्रालय और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, कई बैंकों और आवास वित्‍त कंपनियों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।


इस अवसर पर पुरी ने पिछले कुछ महीनों में आईटी आधारित सीएलएसएस आवास पोर्टल (सीएलएपी) विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम को, विशेष रूप से मंत्रालय, केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएएल) और प्राथमिक साख संस्‍थाओं (पीएलआई) द्वारा किए गए सामूहिक प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सीएलएपी की शुरूआत होने से, लाभार्थियों की शिकायत को बहुत व्यापक, संगठित और पारदर्शी तरीके से दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को समय पर सब्सिडी जारी करने में सामंजस्‍य बनाने में यह सॉफ्टवेयर अन्य हितधारकों के लिए मददगार होगा।


 2022 तक 10 मिलियन से अधिक घरों की मांग को पूरा करने के लिए, भारत सरकार ने जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी शुरू की।  सबके लिए आवास मिशन को पूरा करने के लिए, वैश्विक स्तर पर प्रशंसित, वैकल्पिक और त्वरित निर्माण तथा सस्ते आवास के निर्माण के लिए प्रमाणित प्रौद्योगिकियों को अपनाने के उद्देश्‍य से, ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (जीएचटीसी-भारत) का शुभारंभ किया गया। प्रधानमंत्री ने 2019-2020 को 'निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष' घोषित किया।


पुरी ने इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में इन लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण के लिए राज्य सरकारों की सराहना की। लाइट हाउस परियोजनाओं के लिए, मंत्रालय ने 2.0 लाख रुपये प्रति घर के अतिरिक्त अनुदान के रूप में प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन अनुदान की शुरुआत की, जो पीएमएवाई (यू) के तहत प्रति घर 1.5 लाख रुपये की मौजूदा हिस्सेदारी के अतिरिक्‍त है।


आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा कि मंत्रालय ने सीएलएपी नामक एक वेब के माध्‍यम से वास्तविक समय निगरानी प्रणाली विकसित की है, जिसमें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, केंद्रीय नोडल एजेंसियों, प्राथमिक साख संस्‍थाओं और लाभार्थियों जैसे सभी हितधारकों को एक-साथ जोड़ा गया है। मिश्रा ने सीएलएसएस के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी जारी करने में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित माध्‍यम का उपयोग करने में एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई अवधारणा के रूप में सीएलएपी पोर्टल के महत्व के बारे में चर्चा की । उन्‍होंने कहा कि यह पोर्टल आवेदन प्रक्रिया, प्रारंभिक स्तर पर सत्यापन, सब्सिडी जारी करने, पारदर्शिता और शिकायतों को कम करने में सक्षम बनाएगा।


जीएचटीसी और लाइट हाउस परियोजनाओं के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बारे में मिश्रा ने कहा कि ये लाइट हाउस परियोजनाएं सामान्य आवास निर्माण की तुलना में घरों में प्रदर्शित करने और वितरित करने के लिए मॉडल आवास परियोजनाएं हैं, जो किफायती, टिकाऊ, जलवायु अनुकूल और बेहतर गुणवत्ता वाला निर्माण कार्य है।