भारतीय रेलवे ने आईआरसीटीसी के जरिये खानपान शुल्कन और व्यंजन सूची को युक्तिसंगत बनाया

 


 



 


रेल यात्रियों के लिए विविधता, स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने व्‍यंजन सूची  को युक्तिसंगत बनाया है और खानपान सेवाओं के लिए शुल्‍क में संशोधन किया है। राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों में संशोधन 6 वर्ष बाद किया गया है। पिछला संशो‍धन 2013 में किया गया था, जबकि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के मानक भोजन के शुल्‍क में परिवर्तन 7 वर्ष के बाद किया गया है। इसमें पिछला संशोधन 2012 में किया गया था। उचित कीमतों पर पहुंचने के लिए, इन सेवाओं के व्‍यंजन सूची और शुल्‍क के पुनरीक्षण और सिफारिश के लिए रेलवे बोर्ड ने एक समिति मनोनीत की है।


समिति ने भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता और स्वच्छ भोजन प्रदान करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लागत के सभी पहलुओं की वैज्ञानिक रूप से जांच की। समिति की रिपोर्टों के आधार पर, संशोधित व्‍यंजन और शुल्‍क अधिसूचित किया गया है। ट्रेनों में भोजन की गुणवत्‍ता कच्चे माल की लागत को ध्‍यान में रखते हुए थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक आदि पर निर्भर है, जो पिछले कुछ वर्षों में बढ़े हैं।


भारतीय रेलवे की ट्रेनों में खानपान सेवाएं आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान की जाती हैं और इसकी दो श्रेणियां हैं यानी राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों में पूर्व भुगतान सेवाएं, जिसमें टिकट में खानपान शुल्क (ऑप्ट-इन आधार पर) और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में भुगतान के बाद खानपान सेवा शुल्क शामिल हैं, जिसमें मानक भोजन और अन्य खाद्य पदार्थ बिक्री पर उपलब्ध कराए जाते हैं। किफायती, क्षेत्रीय भोजन की उपलब्धता और यात्रियों को मानक भोजन में विविधता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया गया है।