‘बुलबुल’ तूफान के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तैयारी की समीक्षा

 


 



 


कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्‍यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई। इस बैठक में बंगाल की खाड़ी के तूफान 'बुलबुल' के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और ओडि़शा के तटवर्ती जिलों में तैयारी की समीक्षा की गई।


भारत मौसम विज्ञान विभाग –आईएमडी ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी में बना तूफान और तेज होकर 10 नवम्‍बर की सुबह में पश्चिम बंगाल को पार करेगा। भारी से बहुत भारी बारिश होने तथा 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। इस दौरान समुद्र में 1.5 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं।


पश्चिम बंगाल तथा ओडि़शा सरकार के अधिकारियों ने बताया कि जरूरी तैयारी कर ली गई है तथा एसडीआरएफ व अग्निशमन दलों को तैनात कर दिया गया है। मछली पकड़ने के कार्य को स्‍थगित कर दिया गया है और निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचा दिया गया है। एनडीआरएफ की 14 टीमों की तैनाती की गई है और राज्‍यों के अनुरोध पर अतिरिक्‍त टीमों की तैनाती की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि तटरक्षक बल व भारतीय नौसेना की टीमों को तैनात कर दिया गया है तथा भारतीय सेना व भारतीय वायुसेना की टीमें तैनाती के लिए तैयार हैं।


कैबिनेट सचिव ने बचाव व राहत कार्यों के लिए वर्तमान स्थिति और तैयारी का जायजा लिया। उन्‍होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर तत्‍काल सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी। उन्‍होंने दोनों राज्‍यों को सुझाव दिया कि लोगों को मौत से बचाने के लिए तथा अवसंरचना को सुरक्षित रखने के लिए आवश्‍यक सभी उपाय किए जाने चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार से अनुरोध किया गया कि सागर द्वीप, पूर्व मेदि‍नीपुर तथा उत्‍तर व दक्षिण 24 परगना जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सु‍रक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया जाना चाहिए। मछुआरों को समुद्र से वापस लौटना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।


बैठक में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, आईएमडी, एनडीआरएफ तथा एनडीएमए के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया। पश्चिम बंगाल और ओडि़शा के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में भाग लिया।