बंगाल की खाड़ी में आए भीषण चक्रवात बुलबुल और पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटवर्ती जिलों में इसके संभावित प्रभाव की स्थिति की समीक्षा और इससे निपटने की तैयारियों पर राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की दूसरी बैठक कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई।
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात अब तेज हो गया है और 9 नवंबर की देर शाम तक इसके पश्चिम बंगाल तट को पार करने की संभावना है। 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार वाली हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश और 1 से 2 मीटर तक की ऊंची लहरें उठने की संभावना है। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल तट पर लगभग रात 8 बजे से रात 10 बजे तक भूस्खलन होने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्य सचिवों ने बताया कि उनके द्वारा आवश्यक तैयारियां कर ली गई है और एसडीआरएफ एवं अग्निसेवा की टीमें तैनात कर दी गई हैं। समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिविरों में भेजा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 16 टीमों को तैनात किया गया है और राज्यों के अनुरोध पर अतिरिक्त टीमें तैनात की जा रही हैं। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि जहाजों, विमानों और तटरक्षक, नौसेना, सेना और वायुसेना की विशेष टीमें अपेक्षित संख्या में तैनाती के लिए तैयार हैं।
इसके साथ ही समय से बिजली और दूरसंचार सुविधाएं बहाल करने के सभी प्रयास जारी हैं। मौजूदा स्थिति के मद्देनजर कोलकाता हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन अस्थायी रूप से निलंबित की जा सकती है।
कैबिनेट सचिव ने मौजूदा स्थिति और बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यकतानुसार सहायता का आश्वासन दिया। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगभग 59000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि जिन इलाकों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से बाकी बचे हुए लोगों को हटाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने तक मछली पकड़ने पर लगी रोक जारी रहेगी।
इस बैठक में गृह, रक्षा, बिजली, दूरसंचार और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौसम विभाग और एनडीआरएफ एवं एनडीएमए के अधिकारियों ने भाग लिया। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्य सचिवों ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।