वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने हाल ही में घरेलू उद्योग को अनुचित व्यापार कार्य प्रणालियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। परिणामस्वरूप डंपिंग रोधी ड्यूटी के मामलों की संख्या 2016 में 5 से बढ़कर 1 नवंबर 2019 तक 25 हो गई है।
इसके अलावा, डंपिंग रोधी जांच प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने से अपेक्षाकृत कम समय में जांच प्रक्रिया शुरू हो जाती है और इससे मामलों की संख्या में भी कमी आई है। ऐसा 1 फरवरी 2018 को जारी सूचना संख्या 03/2018 के कारण संभव हुआ है। इसमें डंपिंग रोधी जांच प्रक्रिया व आवेदनों की जांच को सरल बनाया गया है।
आवेदनों के तेजी से जांच होने के कारण घरेलू उद्योग को सूचनाओं और आंकड़ों को अद्यतन करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। इस वर्ष डीजीटीआर ने द्विपक्षीय संरक्षण पर पहली बार दो मामले दाखिल किए हैं। पूर्व में कोई भी द्विपक्षीय संरक्षण का मामला दाखिल नहीं किया गया था।
जांच शुरू करने से पहले लगने वाले दिनों की संख्या में भी कमी आई है। डंपिंग विरोधी जांच शुरू करने में 2016 के दौरान औसत 259 दिन और 2017 के दौरान औसत 110 दिन लगते थे। अब यह अवधि घटकर 32 दिन रह गई है।
काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) की जांच शुरू करने में 2018 के दौरान 72 दिन लगते थे, जो घटकर 2019 में औसत 66 दिन हो गए हैं। वैश्विक सुरक्षा उपायों को प्रारंभ करने में औसत 61 दिन लगते हैं, जबकि मानक औसत 75 दिनों का है।