धर्मेन्‍द्र प्रधान ने दिल्‍ली हॉट में आयोजित ‘आदि महोत्‍सव – 2019’ का दौरा किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केन्‍द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने दिल्ली हॉट, आईएनए में आयोजित 'आदि महोत्सव – 2019' का दौरा किया। जनजातीय मामलों की राज्‍य मंत्री रेणुका सिंह, सासंद मनोज तिवारी, ट्राइफेड के अध्‍यक्ष आर.सी.मीणा, जनजातीय मामलों के मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर और ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्‍ण भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 15 दिन तक चलने वाला यह उत्‍सव जनजातीय हस्‍तकला, संस्‍कृति, व्‍यंजन और वाणिज्‍य की भावना का समारोह है। प्रधान ने जनजातीय दस्‍तकारों द्वारा स्‍थापित स्‍टॉलों का भ्रमण किया और जनजातीय लोक कलाओं का अवलोकन किया।


उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि केन्‍द्र सरकार जनजातीय लोगों के कल्‍याण और उत्‍थान के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साढ़े पांच वर्षों के दौरान देश में जनजातीय लोगों के कल्‍याण के लिए अनेक नई पहल शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री की वन धन योजना इस बारे में एक बड़ा प्रयास है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय जनजातीय उत्‍सव 'आदि महोत्‍सव' जनजातीय मामलों के मंत्रालय और ट्राइफेड की विशिष्‍ट और प्रशंसनीय पहल है। यह जनजातीय लोगों को आय के नए अवसर प्रदान कर रही है। रेणुका सिंह, मनोज तिवारी और आर.सी.मीणा ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।


इस महोत्‍सव में जनजातीय हस्‍तशिल्‍प, कला, चित्रकला, वस्‍त्र, आभूषण और अनेक वस्‍तुओं की 220 स्‍टॉलों के माध्‍यम से प्रदर्शनी और बिक्री की जा रही है। विभिन्‍न राज्‍यों के एक हजार से अधिक आदिवासी कारीगर इस उत्‍सव में भाग लेकर मिनी इंडिया का सृजन कर रहे हैं। भारत के आदिवासियों के पास हस्‍तशिल्‍प की बड़ी श्रृंखला मौजूद है और सरकार जनजातीय दस्‍तकारों और जनता के बीच बातचीत को बढ़ावा देना चाहती है। उत्‍तर में जम्‍मू-कश्‍मीर दक्षिण में तमिलनाडु और पश्चिम में गुजरात तथा पूर्व में नगालैंड/सिक्किम के जनजातीय कारीगरों द्वारा विनिर्मित जनजातीय वस्‍त्र मुख्‍य आकर्षण बने हुए है। पहली बार यह 'आदि महोत्‍सव' लेह (लद्दाख) के जनजातीय कारीगरों के उत्‍पादों की एक विस्‍तृत श्रृंखला का प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के उत्‍पादों की व्‍यापक श्रृंखला का प्रदर्शन और बिक्री विशेष आकर्षण बना हुआ है।


कैशलेस बनने की राष्‍ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों को प्रमुख क्रेडिट/डेबिट कार्डों के माध्‍यम से भुगतान स्‍वीकार करने के लिए प्रत्‍येक स्‍टॉल में प्‍वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन उपलब्‍ध कराई गई हैं। इन मशीनों के सहज परिचालन के लिए भारतीय स्‍टेट बैंक ने विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया है। यह जनजातीय वाणिज्‍य को डिजिटिल तथा इलेक्‍ट्रोनिक लेन-देन के अगले स्‍तर पर ले जाने का एक प्रयास है। शानदार हस्‍तशिल्‍पों के अलावा इस महोत्‍सव में जनजातीय लोगों के इलेक्‍ट्रोनिक और डिजिटिल कौशल का प्रदर्शन विशेष आकर्षण बना हुआ है।