धूल से प्रदूषण के लिए एमसीडी जिम्मेदार: गहलोत

 


 



 


दिल्ली सरकार ने राजधानी में धूल से होने वाले प्रदूषण की जिम्मेदारी एमसीडी पर डाल दी है। सरकार का कहना है कि दिल्ली की धूल भरी ज्यादातर सड़कें एमसीडी व खाली प्लॉट डीडीए के हैं। साथ ही आरोप लगाया कि दोनों निकाय प्रदूषण से निपटने पर गंभीर नहीं हैं। यहां तक कि बीते दिनों केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से बुलाई गई बैठक में एमसीडी व डीडीए के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे।


दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत के मुताबिक, दिल्ली की धूल भरी अधिकतर सड़कें एमसीडी के अधीन हैं। वहीं, जिन प्लॉट पर कूड़ा फेंका जाता है या मलबा जलाया जाता है, वह डीडीए के अधीन हैं। दोनों निकाय प्रदूषण रोकने को लेकर संजीदा नहीं हैं।


कैलाश गहलोत ने बताया कि केंद्रीय मंत्री की बैठक में पंजाब, हरियाणा, यूपी व राजस्थान के पर्यावरण मंत्री नहीं पहुंचे थे। वहीं, पंजाब व हरियाणा में बीते दो सालों में 63,000 व 46,000 मशीनें बांटी गई हैं। जबकि अकेले पंजाब में करीब 27 लाख किसान हैं। इससे साबित होता है कि दूसरी सरकारें इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।


कैलाश गहलोत के मुताबिक, उन्होंने दोनों सरकारों को पराली से होने वाले प्रदूषण से आगाह करते हुए पत्र लिखा है। इसमें गुजारिश की गई है कि दिल्लीवालों की जान की खातिर पराली जलाने पर रोक लगाएं।