दिल्ली हाट में आयोजित “आदि महोत्सव” के 5वें दिन का समारोह

 


 



 


राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव "आदि महोत्सव" के 5वें दिन को "पर्यटन दिवस" के रूप में मनाया गया है।  ट्राइफेड द्वारा स्पिकमाके के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में जानेमाने बांसुरी वादक पद्मश्री हरि प्रसाद चौरसिया, मुख्य अतिथि थे।


"आदि महोत्सव", जनजातीय संस्कृति, भोजन और वाणिज्य की भावना का समारोह मनाने और इन्हें संजोने के लिए ट्राइफेड द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव को जनजातीय कला, और हस्तशिल्प वस्तुओं, जनजातीय दवाइयों, जनजातीय भोजन, जनजातीय लोक कलाओ का प्रदर्शन और वस्तुओं की बिक्री के लिए आयोजित किया जा रहा है।


इस महोत्सव में देश के 24 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर, रसोइये, लोक नर्तक/ संगीतकार भाग ले रहे हैं और समृद्ध पारंपरिक संस्कृति की झलक उपलब्ध करा रहे हैं। इस महोत्सव का विषय है "आदिवासी संस्कृति, शिल्प, भोजन और वाणिज्य की भावना का उत्सव"। इस महोत्सव में 220 से भी अधिक स्टॉलों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, चित्रकारी, कपड़े, आभूषणों की बिक्री की जा रही है। इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों के जनजातीय रसोइयों द्वारा विशेष जनजातीय व्यंजन प्रस्तुत किये जा रहे हैं। इसके अलावा शाम 6.30 बजे से 8.30 तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है।


पहली बार, आदि महोत्सव में लेह (लद्दाख) के जनजातीय कारीगरों के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पादों की व्यापक श्रृंखला का प्रदर्शन और बिक्री विशेष आकर्षण बना हुआ। कैशलेस बनने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों को प्रमुख क्रेडिट/डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके लिए हर स्टाल में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। इन मशीनों के सहज परिचालन के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इस महोत्सव में समृद्ध डिजिटल वाणिज्य और ई-कॉमर्स को ट्राइब्स इंडिया द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।