दिनभर प्रदर्शन के बाद रात में पुलिसकर्मियों का धरना खत्म

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को दिल्ली पुलिस व वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 10 घंटे चला धरना रात करीब 8 बजे खत्म हुआ। ज्यादातर मांगों के माने जाने का आश्वासन मिलने और आला अधिकारियों द्वारा लगातार समझाइश के बाद पुलिसकर्मी धरना खत्म करने की बात मान गए।


इससे पहले दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर आरएस कृष्णा ने देर शाम प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से कहा कि मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि कृपया अपनी ड्यूटी पर लौट जाएं। हिंसक घटना में जितने पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उन्हें कम से कम 25 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) सतीश गोलचा ने प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को बताया कि हाईकोर्ट के 3 नवंबर के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी। बुधवार दोपहर 3 बजे मामले की सुनवाई है, उसी दौरान रिव्यू पिटिशन भी डाली जाएगी।


इस बीच, गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डालकर रविवार को दिए गए उसके आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की है। दरअसल 2 नवंबर को हुई हिंसक झड़प का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने रविवार को न्यायिक जांच का आदेश दिया था। इसके अलावा उसने यह आदेश भी दिया कि जिन वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो। उधर, हाईकोर्ट ने बार काउंसिल और दिल्ली बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी।


इससे पहले एहतियात के तौर पर पुलिस मुख्यालय के आसपास जैमर लगा दिए गए, ताकि मोबाइल फोन के जरिए गलत सूचनाओं का आदान-प्रदान रोका जा सके। पुलिस के सूत्रों का कहना है कि मुख्यालय के आसपास जैमर एहतियात बरतते हुए लगाए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की अफवाहें व गलत सूचनाएं प्रसारित होने से रोकी जा सकें।


दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मियों ने तीस हजारी अदालत में मंगलवार को वकीलों द्वारा उनके सहयोगियों पर हमले के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस कर्मी हम न्याय चाहते हैं (वी वॉन्ट जस्टिस) के नारे लगाते हुए नजर आए। उन्हें शांत करने के लिए पहुंचे पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
आईटीओ में पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मियों ने तख्तियां हाथ में लेकर काफी देर तक नारेबाजी की। इसके बाद पटनायक आखिरकार बाहर निकले और उन्होंने पुलिसकर्मियों को समझाते हुए कहा, यह हमारे लिए इम्तिहान की घड़ी है। उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपनी ड्यूटी पर लौटने व शांति बनाए रखने का आग्रह किया।


उल्लेखनीय है कि शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में पार्किंग को लेकर एक वकील और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच मामूली बहस हो गई, जिससे बाद इसने हिंसा का रूप ले लिया। इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई। पुलिस ने दावा किया कि एक अतिरिक्त डीसीपी और दो एसएचओ सहित बीस पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं।


आठ अधिवक्ताओं को भी चोट लगीं। 12 मोटरसाइकिलें, एक पुलिस क्यूआरटी जिप्सी और आठ जेल वैन क्षतिग्रस्त हो गए। इस बीच दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी अदालत परिसर में हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है। दिल्ली पुलिस को सीधे नियंत्रित करने वाले मंत्रालय ने हिंसक झड़पों के ठीक एक दिन बाद दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी।