डॉ. हर्षवर्धन और धर्मेंद्र प्रधान ग्लोबल बायो-इंडिया सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली में ग्लोबल बायो-इंडिया सम्मेलन, 2019 का उद्घाटन करेंगे।


भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने अपने सार्वजनिक उपक्रम, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के सहयोग से इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस आयोजन में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी लेड एंटरप्राइजेज (एबीएलई) और इनवेस्टर इंडिया भागीदार हैं।


जैवप्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और बीआईआरएसी की अध्यक्ष डॉ. रेणुस्वरुप ने कहा कि सरकार ने पहली बार भारत में ऐसी पहल की गई है। भारत में पहली बार ग्लोबल बायो-इंडिया का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे अकादमियों, नवोन्मेषकों, शोधकर्ताओं, मध्यम और बड़ी कंपनियों को एक मंच उपलब्ध होगा।


जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान करने के लिए एक प्रमुख इंजन माना जाता है।


यह शिखर सम्मेलन जैव-फार्मा, जैव-कृषि, जैव-औद्योगिक, जैव-ऊर्जा और जैव-सेवाओं तथा संबंधित क्षेत्रों की प्रमुख चुनौतियों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भारत के जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की क्षमता को प्रदर्शित करने, पहचान करने, अवसरों का सृजन करने और विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा।


ग्लोबल बायो-इंडिया 2019 के प्रमुख घटकों में सीईओ राउंडटेबल, ग्लोबल रेगुलेटर्स मीट, इन्वेस्टर्स राउंडटेबल, प्रदर्शनी / मंडप जैसे देश, मंत्रालय, विभाग, राज्य, स्टार्टअप और अन्य शामिल होंगे।


राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों, केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों, नियामक निकायों, एसएमई, बड़े-बड़े उद्यमियों, जैव समूहों, अनुसं


धान संस्थानों, निवेशकों, इनक्यूबेटर, स्टार्ट-अप और अन्य सहित वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी हितधारकों को लाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।


दो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साइड इवेंट्स यानी "नैनो-बायोटेक -2019" और “नैनो फॉर एग्री-2019” का आयोजन किया जाएगा। ये आयोजन नैनो कृषि और नैनोमेडिसिन के क्षेत्र में हाल के अनुसंधान और विकास को कवर करेंगे।


यह तीन दिवसीय कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र का लाभ प्राप्त करने के लिए एक कार्रवाई योग्य रोडमैप तैयार करने के लिए हितधारकों के बीच विचार-विमर्श, चर्चा, विचार-विमर्श में मदद करेगा।