एमसीए ने अधिसूचित किए दिवालियापन और शोध अक्षम नियम 2019

 


 



 


कंपनी मामलों के मंत्रालय ने आज दिवालियापन और शोध अक्षम (वित्तीय सेवा प्रदाताओं के दिवालियापन और परिसमापन की कार्यवाही और न्यायिक प्राधिकरण को आवेदन) नियम, 2019 (नियमों) अधिसूचित कर दिए हैं। इसके माध्यम से बैंकों से इतर वित्तीय सेवा प्रदाताओं (एफएसपी) को व्यवस्थित तरीके से दिवालियापन और परिसमापन की कार्यवाही के लिए एक उचित ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। ये नियम समय-समय पर दिवालियापन या परिसमापन की कार्यवाही के लिए ऐसी एफएसपी या एफएसपी की श्रेणियों पर लागू होंगे, जिनके लिए धारा 227 के अंतर्गत संबंधित नियामकों के साथ विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी।


दिवालियापन और शोध अक्षम संहिता, 2016 समयबद्ध तरीके से कॉरपोरेट व्यक्तियों, सीमित दायित्व साजेदारी, साझेदारी कंपनियों और व्यक्तियों को पुनर्गठन, दिवालिया समाधान और परिसमापन का एक समेकित ढांचा उपलब्ध कराती है। संहिता की धारा 227 दिवालियापन और परिसमापन की कार्यवाही के लिए समयबद्ध तरीके से वित्तीय क्षेत्र के नियामकों, वित्तीय सेवा प्रदाताओं (एफएसपी) या एफएसपी की श्रेणियों से परामर्श में सरकार को अधिसूचना जारी करने में सक्षम बनाती है।


कंपनी मामलों के सचिव श्री इंजेति श्रीनिवास ने कहा कि वित्तीय सेवा प्रदाताओं के लिए संहिता की धारा 227 के तहत उपलब्ध कराई गई विशेष रूपरेखा उस समय तक के लिए एक अंतरिम व्यवस्था होगी, जब तक कि बैंकों और प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण अन्य वित्तीय सेवा प्रदाताओं के वित्तीय समाधान को पूर्ण व्यवस्था अस्तित्व में नहीं आती है। संहिता की धारा 227 के अंतर्गत विशेष रूपरेखा बैंकों पर लागू नहीं होगी। हालांकि सरकार एफएसपी की एक विशेष श्रेणी को अधिसूचित करेगी, जो व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण श्रेणी के अंतर्गत नहीं आती है और संहिता के सामान्य प्रावधानों के अंतर्गत ही इनका समाधान निकलेगा, जैसा सामान्य रूप से कॉरपोरेट कर्जदारों पर लागू होता है।