ग्रामीण विकास विभाग ने ग्रामीण विकास की बड़ी योजनाओं में सामाजिक लेखा परीक्षाओं को संस्थागत बनाने का फैसला किया। इन दो योजनाओं की एनएसएपी एवं पीएमएवाई-जी के साथ आरंभ कर दिशा-निर्देशों को तैयार करने के द्वारा शुरुआत कर दी गई है। इस पृष्ठभूमि में ग्रामीण विकास विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से 13 एवं 14 नवंबर, 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक दो दिवसीय ''ग्रामीण विकास योजनाओं की सामाजिक लेखा परीक्षा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी'' का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सामाजिक लेखा परीक्षा एवं सामाजिक लेखा परीक्षा इकाइयों की वर्तमान स्थिति को समझना एवं अन्य कार्यक्रमों में सामाजिक लेखा परीक्षा आरंभ करने के लिए योजना विकसित करना है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा किया जाएगा। उद्घाटन के दौरान सी एण्ड एजी तथा ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजीव महर्षि भी उपस्थित रहेंगे और अपने विचारों को साझा करेंगे। ग्रामीण विकास के राज्य मुख्य सचिव, मनरेगा आयुक्त एनएपी एवं पीएमएवाई-जी (कार्यान्वयन) प्रभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सामाजिक लेखा परीक्षा इकाइयों (एसएयू) के निदेशक और राज्यों के चयनित सामाजिक लेखा परीक्षा संसाधन व्यक्तियों को भी संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं एनआईआरडी एण्ड पी आर भी भाग लेंगे।
संगोष्ठी में आत्मनिर्भरता, निधियों, चिन्हित मुद्दों, की गई कार्रवाई इत्यादि से संबंधित सामाजिक लेखा परीक्षाओं तथा एसएयू की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया जाएगा और सामाजिक लेखा परीक्षा परिचालन करने के अनुभवों को साझा करने के लिए एसएयू को एक मंच उपलब्ध कराया जाएगा। भारत के सभी राज्यों एवं अन्य देशों की सामाजिक लेखा परीक्षा के मॉडलों एवं सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
प्रतिभागी एसएयू को सुदृढ़ बनाने एवं अन्य ग्रामीण विकास कार्यक्रमों, विशेष रूप से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) में सामाजिक लेखा परीक्षा आरंभ करने के लिए एक कार्य योजना भी विकसित करेंगे।
सामाजिक लेखा परीक्षा को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) सहित कई लोगों द्वारा पारदर्शिता एवं जवाबदेही लागू करने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्राम पंचायत में शुरू की गई सभी परियोजनाओं की ग्राम सभा द्वारा सामाजिक लेखा परीक्षा अधिदेशित करने का पहला अधिनियम था। मनरेगा 2005 के खंड 17 के अनुसार 'ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के अधीन शुरू की गई योजना के तहत सभी परियोजनाओं की नियमित सामाजिक परीक्षा का परिचालन करेगा।'
मनरेगा के अतिरिक्त कुछ राज्यों ने अन्य योजनाओं की भी सामाजिक परीक्षा करने का कार्य आरंभ किया है। उत्तर प्रदेश, मेघालय और पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) की लेखा परीक्षा की जाती है। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) की लेखा परीक्षा की जाती है।