इकबाल अंसारी ने अयोध्या के फैसले पर खुशी जताई

 


 



 


अयोध्या मामले में वादियों में से एक इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा है कि वे फैसले को मानेंगे लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसले पर निराशा जाहिर की है।


इकबाल अंसारी ने शनिवार को अदालत का फैसला आने के बाद कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुनाया। मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं। हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे। आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं। अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है। फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है।'


सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे। पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें। इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। यदि हमारी समिति मान जाती है तो हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। यह हमारा अधिकार है और यह उच्चतम न्यायालय के नियमों के अधीन भी है।


हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा, 'यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ, सर्वोच्च न्यायालय ने विविधता में एकता का संदेश दिया है। निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और केंद्र सरकार द्वारा श्रीराम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए निर्मोही अखाड़े को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। जनता से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह फैसला सामाजिक समरसता के लिए फायदेमंद होगा। इस मुद्दे पर कोई और विवाद नहीं होना चाहिए, यही मेरी लोगों से अपील है।