जम्मू कश्मीर और लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्रों सहित भारत का नया मानचित्र

 


 



 


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में और गृह मंत्री अमित शाह की देख रेख में संसद की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को प्रभावी तौर से निराकरित करने और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 जारी करने के उपरांत भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य, 31 अक्टूबर 2019 को, नए जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र तथा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के रूप में पुनर्गठित हो गया है।


नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र में कारगिल तथा लेह - दो ज़िले हैं और भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का बाक़ी हिस्सा नए जम्मू और कश्मीर राज्य संघ क्षेत्र में है।


1947 में भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य में निम्न 14 जिले थे – कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुँछ, मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, लेह और लद्दाख़, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी।


2019 तक भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार ने इन 14 ज़िलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके 28 ज़िले बना दिए थे। नए जिलों के नाम निम्न प्रकार से हैं – कुपवारा, बान्दीपुर, गंडेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शूपियान, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्‍तवार, साम्बा और कारगिल ।


इनमे से कारगिल ज़िले को लेह और लद्दाख़ ज़िले के क्षेत्र में से अलग करके बनाया गया था। राष्ट्रपति जी ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को हटाना) दूसरे आदेश, 2019 द्वारा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के लेह ज़िले को, कारगिल ज़िला बनने के बाद, 1947 के लेह और लद्दाख़ ज़िले के बाक़ी क्षेत्र में 1947 के गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी जिलों के क्षेत्रों को समावेशित करते हुए परिभाषित किया है।


इस आधार पर 31 अक्टूबर 2019 को सृजित नए जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र, नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र और भारत के मानचित्र में इन दोनों नए संघ क्षेत्रों को दर्शाते हुए सर्वेअर जेनरल ओफ़ इंडिया द्वारा तैयार किये गए मानचित्र संलग्न हैं।