जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन और उन पर हुई पुलिस की कार्रवाई को लेकर लोकसभा में मंगलवार को चर्चा हुई है। खबर है कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार के प्रदर्शन के दौरान दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। Delhi Police ने 17 नवंबर को भी JNU परिसर में लगी विवेकानंद की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
लोकसभा की कार्रवाई के दौरान बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली ने जेएनयू स्टूडेंट पर लाठी चार्ज और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए सरकार से उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को इस निंदनीय घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा नाम पुकारे जाने पर यूपी के अमरोहा से सांसद ने कहा मैं एक महत्वपूर्ण मुद्दा यहां उठाने खड़ा हुआ हूं। जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जिस तरह से लाठी चार्ज हुआ है, वह निंदनीय है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और सरकार माफी मांगे।
दिल्ली पुलिस ने बर्बरतापूर्वक छात्रों पर कार्रवाई की है। कांग्रेस नेता टीएन प्राथपन ने जेएनयू स्टूडेंट पर पुलिस की कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि विपक्ष प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ है। उधर, दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर बलप्रयोग की बात नकार रही है। खबरों के मुताबिक पुलिस ने उन करीब 100 छात्रों को सिर्फ हिरासत में लिया जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान निर्देशों का उल्लंघन किया। सोमवार को जेएनयू के छात्रों ने हॉस्ट फीस में की गई बढ़ोतरी वापस लेने समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर संसद मार्च निकाला।
जेएनयू के छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने मीडिया को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने पुलिसवालों पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्लान के तहत छात्र संघ के चारों सदस्यों को अलग कर दिया।
आईशी ने कहा कि पुलिसवालों ने संसद तक मार्च के दौरान लाइट बंद कर छात्रों पर लाठी चार्ज किया था। आईशी ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी के वीसी उस तीन सदस्यों की समिति से भी मिलने को तैयार नहीं हैं जिसको मानव संसाधन मंत्रालय ने ही नियुक्त किया।