कांग्रेस नेताओं की SPG सुरक्षा कवच हटाने का मोदी-शाह की जोड़ी का फैसला, एक बड़ी राजनैतिक साजिश है - सुभाष चौपड़ा

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा राजनैतिक बदले की भावना से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की SPG सुरक्षा हटाये जाने के फैंसले के खिलाफ दिल्ली के गुस्साऐं हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चौपडा की अध्यक्षता में संसद भवन पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जब संसद भवन का घेराव करने के लिए आगे बढ़ रहे थे तो चौपड़ा के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफतार कर लिया।


संसद भवन घेराव व प्रदर्शन कर रहे हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने सुभाष चौपड़ा के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, अरविन्दर सिंह लवली, पूर्व सांसद परवेज हाश्मी, रमेश कुमार, महाबल मिश्रा, जगदीश टाईटलर, कृष्णा तीरथ, दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी,  हारुन यूसूफ, देवेन्द्र यादव, राजेश लिलौठिया दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मंगतराम सिंघल, डा. नरेन्द्र नाथ, किरण वालिया, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव मनीष चतरथ, जितेन्द्र बघेल, पूर्व विधायक चौ. मतीन अहमद,जय किशन, जसवंत राणा को गिरफतार किया गया, बाद में सबको छोड़ दिया गया।


दोपहर 3 बजे से ही अलग-अलग टोलियों में भारी संख्या में पूरी दिल्ली से कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में तिरंगे झंडे व सरकार विरोधी नारे लिखी हुई तख्तियां लेकर टाल्सटॉय मार्ग व जंतर मंतर पर इक्टठा होना शुरु हो गए थे। प्रदर्शनकारी ''SPG सुरक्षा का अधिकार-क्यों छीन रही मोदी सरकार'', गांधी परिवारने दी कुर्बानी-उनकी सुरक्षा में क्यों नादानी'' ''SPG सुरक्षा ले के वापिस-मोदी सरकार की क्या है साजिश'' जो देश के लिए जीते मरते-वो साजिशों से नही डरते'' मोदी सुन लो खोल के कान-राहुल गांधी बलिदानियों की संतान'' आदि नारे लगा रहे थे।  भारी भीड़ के मद्दे नजर पुलिस ने समस्त क्षेत्र को छावनी में तबदील कर दिया था। बड़े पैमाने पर अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती व दंगा विरोधक दस्ते की गाड़ी भी तैनात की गईं थी। प्रदर्शनकारियों का एक सिरा टाल्सटॉय मार्ग पर था और एक संसद मार्ग पर था।


प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए सुभाष चौपड़ा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जानबूझकर राजनैतिक साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है जिस परिवार के दो-दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने उग्रवाद के चलते अपनी जान का सर्वोच्च बलिदान इस देश के लिए दिया, जिनमें इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शामिल है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने SPG कानून को संशोधन करके गांधी परिवार को SPG कवर का प्रावधान किया था। उसके ठीक उल्ट आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी अपनी राजनैतिक तानाशाही व राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए SPG कवर हटा रहे है। उन्हांने मांग की कि तुरंत गांधी परिवार और डा. मनमोहन सिंह को SPG सुरक्षा मुहैया कराई जाए।


सुभाष चौपड़ा ने चौकाने वाले तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि 6 अगस्त, 6 नवम्बर 2018, 6 जून 2019 व 29 अगस्त 2019 को बकायदा एसपीजी ने राहुल गांधी के भारी खतरे के संबध में सरकार को आगाह किया था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उन्हें खालिस्तान उग्रवादियों, नक्सलवादियों से खतरा है, जो छतीसगढ से लेकर केरल के वायनाड तक सक्रिय है। उन्हें देश के अंदर और बाहर के कई उग्रवादियों से भारी खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक अलकायदा व अन्य उग्रवादी संगठनों से भी उनकी जान को खतरा बताया गया था।


सुभाष चौपड़ा ने तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि स्व. राजीव गांधी की हत्या के बाद जस्टिस जे.एस. वर्मा कमीशन ने बकायदा यह फाईडिंग रिकार्ड की थी कि ''पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जानकारी आई.बी. को थी।'' उन्होंने यह भी कहा कि जस्टिस वर्मा ने बकायदा यह भी लिखा था कि ''सीधे-सीधे राजीव गांधी की हत्या के लिए गृह मंत्रालय और खूफिया ब्यूरो जिम्मेदार था''। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी-शाह की जोड़ी का SPG हटाने का फैसला यह साबित करता है राजनैतिक शूचिता की गंगा को सम्पूर्ण तौर से नफरत और प्रतिशोध की आग से दोनो ने गंदा किया है।


जय प्रकाश अग्रवाल व अरविन्दर सिंह लवली ने इस मौके पर कहा कि मोदी सरकार चौथे दर्जे की राजनीति कर रही है और जानबूझ कर कांग्रेस नेताओं के जीवन को खतरे में डाल रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह व चन्द्रशेखर के कार्यकाल में भी इसी तरह की प्रशासनिक लापरवाही के कारण स्व. राजीव गांधी की सुरक्षा कम कर दी गई थी और गांधी की हत्या के पीछे वो भी एक बड़ा कारण था। दोनो नेताओं ने कहा कि न केवल कांग्रेस कार्यकर्ता बल्कि समूचा देश मोदी सरकार की  इस करतूत के खिलाफ गुस्से में है।