केंद्रीय जीएसटी दिल्ली उत्तरी आयुक्तालय ने ‘माल रहित एन्‍वॉयस’ और ‘एन्‍वॉयस रहित माल’ की आपूर्ति से जुड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है

 


 



 


केंद्रीय जीएसटी दिल्ली उत्तरी आयुक्तालय ने 'माल रहित एन्वॉयस' और 'एन्वॉयस रहित माल' की आपूर्ति से जुड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पटियाला हाउस कोर्ट में मुख्‍य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) दिल्‍ली ने उसे 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह पाया गया कि आरोपी व्‍यक्ति 10 नकली कंपनियां (फर्म) चला रहा था, जिनका काम पैसे को इधर-उधर करने और इनपुट टैक्‍स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जीवाड़ा करना था। इस तरह राजकोष को भारी चपत लगाई गई। प्रथम दृष्‍टया 1040 करोड़ रुपये के चालानों (एन्‍वॉयस) का उपयोग कर लगभग 140 करोड़ रुपये के आईटीसी को धोखाधड़ी से भेजा गया।


आरोपी व्‍यक्ति द्वारा इसके लिए अपनाए गए विभिन्‍न तरीकों में अन्‍य बातों के अलावा ऐसे व्‍यक्तियों के दस्‍तावेजों का उपयोग कर नकली कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण प्राप्‍त करना भी शामिल था, जिन पर किसी को कोई संशय नहीं हो सकता था। इसी तरह माल रहित एन्‍वॉयस के साथ-साथ तिलक बाजार, दिल्‍ली स्थित एक परिसर से इन कंपनियों के ई-वे बिलों को सृजित करना भी आरोपी व्‍यक्ति के विभिन्‍न फर्जीवाड़ों में शामिल था। प्रारंभिक जांच से यह पता चला है कि इन नकली कंपनियों की आवक एवं बाह्य आपूर्तियों के बीच किसी भी तरह का घालमेल नहीं था। इसके अलावा, इन कथित नकली कंपनियों ने उन कई खरीदारों को धोखाधड़ी से आईटीसी भेजा है, जिन्‍होंने इसका उपयोग बाह्य आपूर्ति पर अपनी जीएसटी देनदारी की अदायगी में किया है। इस तरह से राजकोष को भारी चपत लगाई गई है।


अत: आरोपी व्‍यक्ति ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (ए), (बी) और (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किए हैं, जो धारा 132 (5) के तहत संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध हैं और इस अधिनियम की धारा 132 (1) (आई) के तहत दंडनीय हैं। तदनुसार, आरोपी व्‍यक्ति को 25 नवम्‍बर, 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे पटियाला हाउस कोर्ट में सीएमएम, नई दिल्‍ली द्वारा 26 नवम्‍बर, 2019 को 14 दिनों के लिए न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस फर्जीवाड़े के मुख्‍य लाभार्थियों की पहचान करने और संबंधित जीएसटी (वस्‍तु एवं सेवा कर) की वसूली के लिए अभी जांच जारी है।