लाइसेंसिंग पोर्टल को ज्‍यादा उपयोगी बनाने के लिए निजी सुरक्षा एजेंसी केन्‍द्रीय मॉडल नियम, 2006 में संशोधन प्रस्‍तावित

 


 



 


भारत सरकार ने हाल ही में निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल जारी किया है। यह पोर्टल एकीकृत आपराधिक न्‍याय प्रणाली (आईसीजेएस) से जोड़ा गया है, ताकि निजी सुरक्षा एजेंसियों का सत्‍यापन, लाइसेंस शुल्‍क का भुगतान, ई-हस्‍ताक्षर और जीओ टैगिंग ऑनलाइन किया जा सके। इस पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए मॉडल नियमों में संशोधन जरुरी हो गया था।


निजी सुरक्षा एजेंसी केंद्रीय मॉडल नियम, 2006 को मुख्‍य अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की व्‍यवस्‍थाएं तय करने के लिए बनाया गया था।  राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने अपने अलग-अलग नियम अधिसूचित करके इन्‍हें अपनाया। सरकार ने इस मॉडल नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति के मद्देनजर अधिनियम का अधिक प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और सुरक्षा एजेंसियों के लिए व्‍यवसाय करना आसान बनाया जा सके।


समाज में निजी सुरक्षा एजेंसी उद्योग का सुरक्षा और संरक्षा के नजरिये से काफी महत्‍व है। आर्थिक गतिविधियों के विस्‍तार के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों का कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 90 लाख लोग काम कर रहे हैं। निजी सुरक्षा एजेंसी (नियमन) अधिनियम, 2005 के जरिये कामकाज को नियंत्रित किया जाता है। इसके लिए राज्‍य और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा अधिकारी नियुक्‍त किये जाते हैं। गृह मंत्रालय इस अधिनियम के तहत जरूरी नियम तय करता है।