लोकसभा में ध्वनिमत से पास हुआ SPG संशोधन बिल

 


 



 


लोकसभा में बुधवार को जोरदार बहस के बाद एसपीजी संशोधन बिल ध्वनिमत से पास हो गया। इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाने का मकसद एसपीजी को और प्रभावी बनाना और कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है।


एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसी ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई है। इस विधेयक को लाने का मकसद एसपीजी को और प्रभावी बनाना है और यह देखना है कि उसके काम में किसी भी तरह की कोई कोताही न हो। इसका मकसद कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है।


मैं जो संशोधन लेकर आया हूं, उसके तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी तथा सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।


शाह ने बहस के दौरान कांग्रेस के रुख पर भी आपत्ति जताई। शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखरजी की सुरक्षा ले ली गई तो कोई कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ नहीं बोला, नरसिम्हा राव की सुरक्षा चली गई, किसी ने चिंता नहीं दिखाई। आईके गुजराल की सुरक्षा हत्या के धमकी के बाद ली गई। चिंता किसकी है, देश के नेतृत्व की या एक परिवार की? एसपीजी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए है, इसका स्टेटस सिंबल के तौर पर इस्तेमाल नहीं होगा।


गांधी परिवार की सुरक्षा के साथ समझौते के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा कि पहले उनकी सुरक्षा में जितने सुरक्षाकर्मी होते थे, अब भी उतने या उससे ज्यादा ही होंगे। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है। गांधी परिवार के सदस्यों ने एसपीजी को सूचना दिए बगैर ही कई बार यात्राएं कीं।