केन्द्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने विशाखापत्तनम में पहले बिम्सटेक पोर्ट सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाना, बंदरगाह आधारित सम्पर्क बढ़ाना और सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करना है। सदस्य देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना बिम्सटेक की प्राथमिकता है।
इस अवसर पर मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है- सागर (क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास)। इस विजन का उद्देश्य सबका साथ सबका विकास के अनुरूप है। भारत बिम्सटेक सदस्य देशों के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाना चाहता है। पहला बिम्सटेक पोर्ट सम्मेलन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और युवा विकास मंत्री एम एस राव, उद्योग, वाणिज्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एम जी रेड्डी तथा विशाखापत्तनम के संसद सदस्य एम वी वी सत्यनारायण भी उपस्थित थे।
सम्मेलन के दौरान रनोंग पोर्ट (पोर्ट अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड) तथा चेन्नई, विशाखापत्तनम एवं कोलकाता पोर्ट ट्रस्टों के बीच तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए। इन समझौता ज्ञापनों से थाईलैंड के पश्चिमी समुद्र तट और भारत के पूर्वी समुद्र तट के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इससे भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री यात्रा की समयावधि 10-15 दिनों से घटकर 7 दिन हो जाएगी।
भारत बिम्सटेक को अत्यधिक महत्व देता है, जो दक्षिण एशिया के 5 देशों (बांग्लादेश, श्रीलंका, भारत, भूटान और नेपाल) को दक्षिण पूर्व एशिया के दो देशों (म्यांमार और थाईलैंड) से जोड़ता है।
बिम्सटेक क्षेत्र की आबादी 167 बिलियन है, जो विश्व की कुल जनसंख्या का 22 प्रतिशत है और इसका संयुक्त जीडीपी 3.71 ट्रिलियन डॉलर है। अब तक 4 बिम्सटेक सम्मेलन हुए हैं- 2004 बैंकॉक, 2008 नई दिल्ली, 2014 ने पी थॉ और 2918 काठमांडू। बिम्सटेक राजनेताओं ने 30 मई, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लिया था।