मंत्रिमंडल ने भारत सरकार नियम, 1961 के नियम-12 के तहत अनुमोदित प्रस्ताव को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी

 


 



 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 की धारा-73 और धारा-74 के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेशों को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी।


संसद की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत उद्घोषणा जारी की तथा जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 को स्वीकृति दी। तदनुसार 31 अक्टूबर, 2019 को पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का पुर्नगठन केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में किया गया है।


31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 के प्रभावी होने के साथ पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का पुर्नगठन केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (विधायिका के साथ) तथा केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख (विधायिका के बिना) के रूप में किया गया है। 19 दिसम्बर, 2018 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद-356 के तहत पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। चूंकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद-356 केन्द्र शासित प्रदेशों पर लागू नहीं होता है इसलिए 31 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया।


नए जम्मू और कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा अस्तित्व में नहीं है और किसी प्रकार के संवैधानिक कठिनाई को समाप्त करने के लिए पूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 की धारा-73 के तहत 31 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रपति ने आदेश जारी किया गया और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।


जम्मू और कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम, 2019 की धारा-74 के तहत राष्ट्रपति ने 31 अक्टूबर, 2019 को केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की संचित निधि से व्यय को अधिकृत करने के लिए एक अन्य आदेश भी जारी किया है।