प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की मौजूदा अधिकृत पूंजी 3500 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रूपये करने की मंजूरी दी है।
इस अधिकृत पूंजी में की गई बढ़ोतरी से एफसीआई के सतत खाद्यान्न भंडार के वित्त पोषण के लिए केंद्रीय बजट के माध्यम से अतिरिक्त इक्विटी पूंजी को भारतीय खाद्य निगम में उपयोग किया जा सकता है। इससे एफसीआई की देनदारियां कम होंगी और एफसीआई की ब्याज लागत में बचत होगी और इससे खाद्य सब्सिडी भी कम हो जाएगी।
भारतीय खाद्य निगम के संचालन के लिए खाद्यान्नों के उचित भंडार के रख-रखाव की जरूरत है जिसके लिए इक्विटी या दीर्घकालीन ऋण के माध्यम से भारत सरकार के वित्तपोषण की जरूरत होती है। भारतीय खाद्य निगम की मौजूदा अधिकृत पूंजी 3500 करोड़ रूपये हैं तथा 31 मार्च, 2019 के अनुसार प्रदत्त इक्विटी पूंजी 3447.58 करोड़ रूपये हैं।
भारत सरकार की खाद्य नीति को लागू करने के लिए खाद्य निगम अधिनियम 1964 के तहत भारतीय खाद्य निगम का गठन किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करना, खाद्यान्नों का सुरक्षित भंडार बनाए रखना तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम तथा भारत सरकार की अन्य कल्याण योजनाओं के तहत खाद्यान्नों का वितरण करना है।