प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रिसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक 2019 पर कानून बनाने तथा जहाजों को पर्यावरण के अनुकूल विघटित करने के लिए हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन 2009 में शामिल होने की मंजूरी दे दी है।
प्रस्तावित विधेयक ऐसी हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है, जिन्हें जहाजों की रिसाइक्लिंग करने या ऐसे भी इस्तेमाल किया जाता है। नए जहाजों के लिए ऐसी सामग्रियों के इस्तेमाल पर विधेयक के कानून का रूप लेने के साथ ही तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध की व्यवस्था है जबकि मौजूदा जहाजों को यह व्यवस्था अपनाने के लिए 5 वर्ष का समय दिया जाएगा। हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल पर रोक या प्रतिबंध युद्धपोतों और सरकार द्वारा संचालित गैर-व्यवसायिक जहाजों पर लागू नहीं होंगे। जहाजों में हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल की जांच के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
इस विधेयक में व्यवस्था की गई है कि जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए बनाए गए स्थान अधिकृत होने चाहिए और जहाजों की रिसाइक्लिंग केवल इन्हीं स्थानों पर होनी चाहिए।
विधेयक के अनुसार जहाजों की रिसाइक्लिंग निर्धारित योजना के अनुरूप होनी चाहिए। भारत में रिसाइक्लिंग किए जाने वाले जहाजों को हांगकांग इंटरनेशनल कंवेंशन के अनुसार रेडी फॉर रिसाइक्लिंग प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा।