रिपोर्ट : अजीत कुमार
हम पल्स पोलियो प्रोग्राम के 25 सालों का जश्न मना रहे हैं, समय आ गया है कि हम 100 फीसदी पूर्ण टीकाकारण कवरेज का लक्ष्य तय करें और सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चे या गर्भवती महिला की मृत्यु टीकाकरण द्वारा रोकी जा सकने वाली बीमारियों के कारण न हो।'' केन्दीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ हर्ष वर्धन ने कहा।
2 अक्टूबर 2019 को दिल्ली में पहले पल्स पोलियो अभियान के 25 साल पूरे हुए, इस अभियान को बाद में भारत सरकार द्वारा देश भर में पल्स पोलियो अभियान में रूप में संचालित किया गया। पोलियो पूरक टीकाकरण के संचालन ने भारत को 2014 में पोलियो मुक्ति का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस उपलब्धि को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 'सार्वजनिक स्वास्थ्य की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक' माना गया, जिसके साथ न केवल भारत को बल्कि पूरे दक्षिण पूर्वी क्षेत्र को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने डाॅ हर्ष वर्धन को बधाई दी, उन्हें पोलियो प्रोग्राम का चीफ़ आर्कीटेक्ट बताया तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस सफल प्रोग्राम की सराहना की। नड्डा ने कहा 'देश की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी प्रणाली बेहद सशक्त है, मुझे विश्वास है कि डाॅ हर्ष वर्धन और उनका मंत्रालय पूर्ण टीकाकरण कवरेज के लक्ष्यों को हासिल करेगा। पीएचसी को स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों में बदला जा रहा है, जो सुनिश्चित करंेंगे कि अगले 20 सालों में देश में रोगों का बोझ कम हो। मैं मिशन इन्टेन्सीफाईड इन्द्रधनुष 2.0 के लिए शुभकामनाएं देता हूं।''
डाॅ अश्विनी कुमार चैबे, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने डाॅ हर्षवर्धन को बधाई दी, उन्हें 'पोलियो सेनापति' कहा तथा उनकी टीम एवं अन्य हितधारकों की भी सराहना की, जिन्होंने देश को पोलियो मुक्त बनाने के प्रयासों में अपना योगदान दिया है। नड्डा ने स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी प्रतिभागियों को उनके कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया, उनसे कहा कि इन कार्यकर्ताओं के कार्यों का परिणाम तुरंत दिख्ेााई नहीं देगाा किंतु जीवन की ये दो बूंदे देश के नागरिकों को लम्बी दौड़ में सशक्त एवं स्वस्थ बनाएंगी, इसलिए उन्हें इसी जोश और उत्साह के साथ काम करते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी के 2022 तक नव एवं स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रयास जारी रखने चाहिए।
डाॅ हर्ष वर्धन नेे पूर्ण टीकाकारण के लक्ष्यों के मद्देनज़र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की नई पहलों पर चर्चा की जैसे दिसम्बर 2019 से मार्च 2020 तक के लिए इन्टेन्सीफाईड मिशन इन्द्रधनुष 2.0 का लाॅन्च, कई मंत्रालयों ने इस मिशन में योगदान देने के लिए हाथ बढ़ाए हैं। आईएमआई 2.0 पोर्टल का लाॅन्च भी इस अवसर पर किया गया, जो आईएमआई अभियान के दौरान टीकाकृत बच्चों और महिलाओं के ब्लाॅकवार लक्ष्यों पर जानकारी जुटाने तथा गतिविधि के दौरान कवरेज के आंकड़ों को संग्रहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन आंकड़ों का संग्रहण ज़िला स्तर पर किया जाएगा। इससे प्रोग्राम से जुड़े अधिकारियों को ब्लाॅक, ज़िला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर रियल टाईम जानकारी पाने, अभियान की प्रगति के बारे में जानने तथा आवश्यकतानुसार कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
डाॅ हर्ष वर्धन ने पल्स पोलियो अभियान की 25 सालों की यात्रा पर बात करते हुए इससे जुड़े सभी हितधारकों और साझेदारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ''मैं समुदाय एवं धार्मिक नेताओं के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इस मिशन में योगदान दिया है। मैं देश के युवा अम्बेसडरों, सेलेब्रिटीज़ एवं खिलाड़ियों के प्रति भी आभारी हूं, जिन्होंने इस अभियान को अपना समर्थन प्रदान किया। मैं देश के सभी दिग्गजों, आशा कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम के प्रति भी आभारी हूं, जिन्होंने घर-घर जाकर कवरेज सुनिश्चित किया। मैं अपनी राज्य सरकारों, सिविल सोसाइटों संगठनों, पेशेवर संगठनों जैसे आईएमए, आईएएपी तथा साझेदारों जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोटरी इंटरनेशनल यूनिसेफ और देश के नागरिकों का भी धन्यवाद करता हूं।''
डाॅ हर्ष वर्धन नेे पूर्ण टीकाकारण के लक्ष्यों के मद्देनज़र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की नई पहलों पर चर्चा की जैसे दिसम्बर 2019 से मार्च 2020 तक के लिए इन्टेन्सीफाईड मिशन इन्द्रधनुष 2.0 का लाॅन्च, कई मंत्रालयों ने इस मिशन में योगदान देने के लिए हाथ बढ़ाए हैं। आईएमआई 2.0 पोर्टल का लाॅन्च भी इस अवसर पर किया गया, जो आईएमआई अभियान के दौरान टीकाकृत बच्चों और महिलाओं के ब्लाॅकवार लक्ष्यों पर जानकारी जुटाने तथा गतिविधि के दौरान कवरेज के आंकड़ों को संग्रहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन आंकड़ों का संग्रहण ज़िला स्तर पर किया जाएगा। इससे प्रोग्राम से जुड़े अधिकारियों को ब्लाॅक, ज़िला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर रियल टाईम जानकारी पाने, अभियान की प्रगति के बारे में जानने तथा आवश्यकतानुसार कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
डाॅ हर्ष वर्धन ने पल्स पोलियो अभियान की 25 सालों की यात्रा पर बात करते हुए इससे जुड़े सभी हितधारकों और साझेदारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ''मैं समुदाय एवं धार्मिक नेताओं के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने इस मिशन में योगदान दिया है। मैं देश के युवा अम्बेसडरों, सेलेब्रिटीज़ एवं खिलाड़ियों के प्रति भी आभारी हूं, जिन्होंने इस अभियान को अपना समर्थन प्रदान किया। मैं देश के सभी दिग्गजों, आशा कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम के प्रति भी आभारी हूं, जिन्होंने घर-घर जाकर कवरेज सुनिश्चित किया। मैं अपनी राज्य सरकारों, सिविल सोसाइटों संगठनों, पेशेवर संगठनों जैसे आईएमए, आईएएपी तथा साझेदारों जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोटरी इंटरनेशनल यूनिसेफ और देश के नागरिकों का भी धन्यवाद करता हूं।''
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत जिस स्तर की प्रतिबद्धता, जवाबदेहिता और स्वामित्व का प्रदर्शन किया गया है, वह अपने आप में बेजोड़ है, ऐसा उदाहरण दुनिया में कहीं ओर नहीं मिलेगा। डाॅ हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार ने भी टीकाकरण के लिए 'गेम चेंजिंग दृष्टिकोण' अपनाया है और देश के लिए स्वस्थ एवं समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पोलियो अभियान से मिला सबक हमें मिशन इन्द्रधनुष के लिए प्रेरित करता है और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
''हमारे दूरदृष्टा नेता मोदी जी ने स्वस्थ एवं सशक्त भारत का सपना देखा है। हमारा कर्तव्य है कि हम इस सपने में योगदान दें और सुनिश्चित करें कि हर बच्चे को पूर्ण टीकाकरण मिले और हर बच्चा देश के स्वस्थ नागरिक के रूप में विकसित हो।'' डाॅ हर्ष वर्धन ने सभी राज्यों, स्वयंसेवकों, साझेदारों, एनजीओ और अन्य हितधारकों का आह्वान करते हुए उन्हें हर बच्चे को टीकाकरण से होने वाली बीमारियों से बचाने की दिशा में प्रयास करने के लिए कहा, जैसा कि उन्होंने भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए कर दिखाया है।''
1998 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्वस्तरीय पोलियो उन्मूलन अभियान के लाॅन्च के लिए प्रस्ताव पारित किया। दिल्ली सरकार ने पहली बार पायलट परियोजना के रूप में बड़े पैमाने पर 1994 में ओरल पोलियो वैक्सीन अभियान की शुरूआत की, अन्य देशों में इस अभियान की सफलता के बाद भारत में यह शुरूआत की गई थी। इसी के साथ पल्स पोलियो अभियान शुरू हुआ, इसके बाद यह टैगलाईन 'दो बूंद जिंदगी की' के साथ लोकप्रिय हो गया।
1998 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्वस्तरीय पोलियो उन्मूलन अभियान के लाॅन्च के लिए प्रस्ताव पारित किया। दिल्ली सरकार ने पहली बार पायलट परियोजना के रूप में बड़े पैमाने पर 1994 में ओरल पोलियो वैक्सीन अभियान की शुरूआत की, अन्य देशों में इस अभियान की सफलता के बाद भारत में यह शुरूआत की गई थी। इसी के साथ पल्स पोलियो अभियान शुरू हुआ, इसके बाद यह टैगलाईन 'दो बूंद जिंदगी की' के साथ लोकप्रिय हो गया।
2 अक्टूबर 2994 को महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्ष वर्धन ने दिल्ली में पहले पल्स पोलिया अभियान के पायलट चरण की शुरूआत की। यह अभियान तीन साल से कम उम्र के तकरीबन 1.2 मिलियन बच्चों तक पहुंचा, 2अक्टूबर 1994 और 4 दिसम्बर 1994 को ओपीवी की दो खुराकें इन बच्चों को दी गईं। इसी रणनीति को बाद में भारत सरकार ने पल्स पोलियो अभियान के रूप में अपनाया। पोलिया उन्मूलन अभियान में सरकार, अन्तर्राष्ट्रीय साझेदारों, सिविल सोसाइटी संगठनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और लाखों कर्मचारियों का योगदान रहा है। उनके समर्पण के साथ ही भारत इस असंभव और मुश्किल बीमारी पर काबू पा सका है।
कार्यक्रम की शुरूआत पोलियो उन्मूलन यात्रा की शुरूआत पर आधारित एक वीडियो के साथ हुई, जिसमें पहले अभियान को वृतचित्र के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके बाद पल्स पोलियो अभियान से जुड़े दिग्गजों ने पैनल चर्चा की, जिसमें पोलियो अभियान से मिले सबक के आधार पर टीकाकारण के सशक्तीकरण पर विचार किया गया। इसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ का आयोजन किया गया। इसके बाद पल्स पोलियो से जुड़े ज़ोनल को-आॅर्डिनेटर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक विशेष सत्र का आयोजन किया।
अंत में 'पोलियो और मिशन इन्द्रधनुष' पर आधारित एक फिल्म के माध्यम से देश में पोलियो उन्मूलन की उपलब्धि, प्रमुख हस्तक्षेपों के सारांश, मिशन इन्द्रधनुष की उपलब्धियों तथा सामुदायिक नेताओं एवं स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान पर रोशनी डाली गई। इस अवसर पर WHO-SEARO के क्षेत्रीय निदेशक, युनिसेफ के कार्यकारी निदेशक और रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष ने सम्बोधन दिया। इस अवसर पर 'Strengthening immunization systems to reach every child' और 'Operational guidelines for Strengthening Td10 and Td16 vaccine implementation' पर दो दिशानिर्देश भी लाॅन्च किया गए। कार्यक्रम का समापन डाॅ हर्षवर्धन द्वारा 'टीकाकरण की शपथ' के साथ हुआ।