प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त की गई चिंता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्रा ने चक्रवाती तूफान बुलबुल की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज ओडि़शा, पश्चिम बंगाल राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की।
इस बैठक में पिछले कुछ घंटों के दौरान बुलबुल चक्रवात की गतिविधि के कारण उत्पन्न हुई स्थिति की समीक्षा की गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने चक्रवात बुलबुल तथा इसके पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों के साथ अनुमानित ट्रैक, हवा की गति और बारिश के बारे में पूर्वानुमानों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तटीय ओडिशा में 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हवाएं चलने की संभावना है। हवाओं की गति 8 नवंबर को 90 किलोमीटर प्रति घंटा होने तथा भारी बारिश होने का अनुमान है। इसी तरह की स्थिति 9 नवंबर को तटीय पश्चिम बंगाल में भी रहने की संभावना है। समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी और मछली पकड़ने की गतिविधियां पूरी तरह बंद रखने की सलाह दी गई है। राज्यों के मुख्य सचिवों ने तटीय क्षेत्रों में सभी सुरक्षात्मक कदमों के बारे में जानकारी दी और बताया कि चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बताया कि उनकी टीमें तैयार हैं और सभी आवश्यक उपकरणों जैसे ट्री कटर और पोल कटर से लैस हैं। भारतीय तटरक्षक भी सतर्क हैं और मछुआरों और व्यापारी जहाजों को समुद्र में न जाने के लिए सतर्क किया गया है।
डॉ. पी के मिश्रा ने उन्हें सलाह दी कि जानमाल और संपत्ति की हानि को न्यूनतम करने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं। उन्होंने राज्यों को सभी आवश्यक केंद्रीय सहायता दिए जाने के बारे में आश्वस्त किया। इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार, गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव, एनडीएमए निदेशक, मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ के महानिदेशक, पीएमओ, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिवों और प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लिया।