प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और हाल के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के ऐतिहासिक निर्णय के लिए उनकी सराहना की।
इस अवसर पर केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा दिल्ली के संसद सदस्य मनोज तिवारी, हंसराज हंस और विजय गोयल उपस्थित थे।
उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए प्रधामनंत्री ने कहा कि इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सबका साथ सबका विकास की भावना है। यह निर्णय राजनीति से ऊपर है और सभी व्यक्तियों के हित के लिए हैं। धर्म और राजनीतिक पहचान को आधार नहीं बनाया गया है। संसद सदस्यों, विधायकों, कालोनी निवासियों समेत सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ विचार-विमर्श करके पीएम-उदय योजना को लॉन्च किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णय को दिल्ली के निवासियों की जीत बताया, जो सभी सरकारों के साथ इस आशा से सहयोग करते रहे हैं कि उनके जीवन में बदलाव आएगा। सरकार इन निवासियों के जीवन में अस्थिरता और अनिश्चितता के वातावरण को समाप्त करना चाहती थी। इसलिए सरकार ने मालिकाना हक/हस्तांतरण अधिकार पर आधारित कानून लाने का फैसला किया। इस निर्णय से दशकों की अनिश्चितता समाप्त होगी तथा मकान खाली करने या विस्थापित होने के डर से मुक्ति मिलेगी और लोग अपने जीवन के सपनों को पूरा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे पूरी दिल्ली का भाग्य बदलेगा और जब तक दिल्ली का भाग्य नहीं बदलेगा, तब तक देश का भाग्य नहीं बदलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद देश में निर्णय नहीं लेने, निर्णय लेने में विलम्ब करने और समस्याओं से दूर रहने की संस्कृति विकसित हो गई थी। इससे हमारे जीवन में अस्थिरता आई।
जम्मू कश्मीर का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अस्थाई प्रावधान से क्षेत्र में अस्थिरता और भ्रम की स्थिति रही। इसी प्रकार तीन तलाक के मुद्दे ने महिलाओं के जीवन को दयनीय बनाया। सरकार ने इन दोनों को समाप्त कर दिया है और इसी प्रकार 40 लाख निवासियों के मन से घर खाली करने के भय को समाप्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य आय वर्ग के नागरिकों के लिए रुकी हुई आवास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने से सम्बन्धित निर्णय का उल्लेख किया। इस निर्णय से देश के 4.5 लाख घर खरीदने वालों को लाभ मिलेगा और वे अपना जीवन शांतिपूर्ण ढंग से व्यतीत कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पीएम-उदय योजना दिल्ली के लाभार्थियों के जीवन में एक नई सुबह लेकर आएगा। प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने से सम्बन्धित सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 23 अक्तूबर को दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक/हस्तांतरण अधिकार देने से सम्बन्धित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसकी अधिसूचना 29 अक्तूबर को जारी की गई।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संसद के आगामी सत्र में जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए), वसीयत, क्रय-विक्रय से सम्बन्धित अनुबंध, सम्पत्ति पर कब्जे के दस्तावेज से सम्बन्धित विधेयक पेश करने की मंजूरी दी है।
प्रस्तावित विधेयक में पंजीकरण शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी को नाममात्र रखने का प्रावधान है, जो सरकार के द्वारा तय किया जाएगा। यह मौजूदा सर्किल रेट से अलग होगा। ये सुविधाएं केवल एक बार के लिए मान्य होंगी और अनाधिकृत कालोनियों के निवासियों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है।